आम आदमी पार्टी द्वारा इंग्लैंड की 'डे ला रू' प्रिंटिंग प्रेस से संबंधित आरोपों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने झूठा करार दिया है. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि नई करेंसी के कागज के लिए 'डे ला रू' कंपनी को चुना गया, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक यूपीए के कार्यकाल में 'ब्लैकलिस्टेड' कर चुका है. आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक दिलीप पांडे ने ये भी आरोप लगाया था कि इंग्लैंड की इस कंपनी का नाम पनामा पेपर लीक मामले में भी आ चुका है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट में कहा- 'AAP का सोशल मीडिया पर एक और झूठा अभियान...इस अभियान में जिस कंपनी का नाम लिया गया है उससे वित्त मंत्रालय की कोई डीलिंग नहीं है.'
Another false campaign on the social media by the AAP. Ministry of Finance has no dealings with the British Company named in this campaign
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 8, 2016
जेटली के ट्वीट के जवाब देने में दिलीप पांडे ने देर नहीं लगाई. पांडे ने ट्वीट में लिखा- 'डियर @arunjaitley सर, अपने तथ्यों की जांच कीजिए और RBI की BRBNMPL वेबसाइट को पहले चेक कीजिए. डे ला रू मैसूर प्रिंटिंग प्रेस के साथ काम कर रही है.'
Dear .@arunjaitley Sir! Plz check ur facts and go through ur RBI's BRBNMPL website first. De La Rue is working with Mysore printing press👇 pic.twitter.com/HP6eROPPAo
— Dilip K. Pandey (@dilipkpandey) December 8, 2016
दिलीप पांडे ने ट्वीटर पर साथ ही कंपनी से जुड़ी जानकारी को चस्पा कर दिया. पांडे ने 2011 में तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा के राज्यसभा में उस बयान का भी हवाला दिया जिसमें 'डे ला रू' का सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द किए जाने की जानकारी दी गई थी.
क्या बीजेपी को मिला कमीशन
दिलीप पांडे ने सवाल करते हुए कहा कि 'जिस कंपनी पर दुश्मनों की मदद करने के आरोप हैं, क्या मजबूरी थी कि उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट से वाइट लिस्ट करके प्रिंटिंग पार्टनर बनाना पड़ा? क्या 15% का कमीशन क्या बीजेपी के पास पहुंच चुका है? जिस तरह नए नोट बीजेपी नेताओं के पास मिल रहे हैं, कहीं अगला काउंटर बीजेपी के दफ्तर में न खुल जाए?'
दिलीप पांडे यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि अरुण जेटली साहब संवैधानिक पद पर बैठकर आपको झूठ नहीं बोलना चाहिए. क्योंकि झूठ बोलना पाप है, नदी किनारे सांप है.
हालांकि जब मीडिया ने दिलीप पांडे से सवाल किया कि क्या AAP अपने पास मौजूद जानकारी को सबूत बनाकर कोर्ट का रुख करेगी तो उन्होंने सीधा जवाब देने से परहेज किया. हालांकि इंग्लैंड की 'डे ला रू' प्रिंटिंग प्रेस ने कहा है कि नई करेंसी छापने में उसका भारत के साथ कोई संबंध नहीं है और ना ही वह पाकिस्तान को करेंसी पेपर सप्लाई करता है.