सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एफआईआर दर्ज करने की इजाजत नहीं ली थी. वीरभद्र सिंह के वकील की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में यह तर्क रखा गया है.
सीबीआई ने 23 सितंबर 2015 को एफआईआर दर्ज की और उस वक्त वीरभद्र हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. वहीं FIR में वीरभद्र सिंह के केंद्रीय मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया है, जबकि दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना अधिनियम के सेक्शन 5 और 6 के तहत सीबीआई को संबंधित अधिकारी से इसकी पहले इजाजत लेनी चाहिए थी. ऐसे में CBI द्वारा दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की जा रही है.
इससे पहले मुख्यमंत्री के वकील ने कोर्ट में कहा था कि सीबीआई राजनीति से प्रेरित होकर उनके खिलाफ जांच कर रही है. हाई कोर्ट 27 सितंबर से इस मामले में रोजाना सुनवाई कर रहा है. सीबीआई ने वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके बेटा- बेटी पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार की धाराओं में मामला दर्ज किया है.
इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. सीबीआई मामले में आरोपपत्र दायर करने की इजाजत कोर्ट से मांग रही है. कोर्ट अब इस मामले मे 6 अक्टूबर को अगली सुनवाई करेगी.