26 नवंबर रविवार को आम आदमी पार्टी की स्थापना के 5 साल पूरे होने पर इसका जश्न रामलीला मैदान में होने जा रहा है. 'आप' के नेता और देश भर के 22 राज्यों के कार्यकर्ता इसे 'क्रांति के 5 साल' के तौर पर मना रहे हैं. आम आदमी पार्टी की स्थापना के बाद संगठन में कई तरह की उथल-पुथल हुईं. पुराने साथियों से कटाव हो गया. शुरू में जिन लोगों ने मिलकर पार्टी के गठन में योगदान किया वो या तो खुद दूर हो गए या उन्हें निकाल दिया गया.
दिलचस्प बात ये है कि इस कार्यक्रम से ढेरों संस्थापक सदस्य दूर रहेंगे. इनमें शांति भूषण , योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, मयंक गांधी, प्रो. आनंद कुमार, प्रो. अजीत कुमार, शाजिया इल्मी, अश्विनी उपाध्याय और कपिल मिश्रा जैसे नाम शामिल हैं. वहीं, पार्टी के नेता कुमार विश्वास कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी है.
आपको बता दें कि 26 नवम्बर 2012 को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी. इसमें अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय संयोजक, पंकज गुप्ता को राष्ट्रीय सचिव व कृष्णकांत को कोषाध्यक्ष बनाया गया था. 23 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने यह निर्णय लिया था. सबसे पहले 2013 में 'आप' ने 28 सीटें जीतकर दिल्ली में कांग्रेस का समर्थन लेकर सरकार बनाईं. फिर 2014 में पूरे देश में लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें पंजाब में ही 4 सीटें जीत सकीं. उसके बाद 2015 में दिल्ली विधानसभा में 70 में से 67 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी.
2017 के पंजाब चुनाव में 20 सीटें जीत कर विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने विपक्षी दल बनाया है. सारी ताकत झोंकने के बावजूद गोवा में पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया था. दिल्ली के तीनों निगमों में भी 'आप' विपक्षी दल बनकर उभरा, लेकिन यहां सत्ता होने के बावजूद कम सीटों ने सवाल भी खड़े किए.
5 साल पूरे होने पर आम आदमी पार्टी इन 5 मुद्दों पर करेगी चर्चा
1. शुरुवात में आम आदमी पार्टी इस सम्मेलन में अपने अब तक के सफ़र पर चर्चा करेगी.
2. देश में किसानों की स्थिति पर भी सम्मेलन में चर्चा की जाएगी. पार्टी के मुताबिक, मध्यप्रदेश में किसानों पर गोलीकांड के बाद आम आदमी पार्टी ने पूरे देश में किसानों के हक़ के लिए सम्मेलन किए हैं, जिनपर विस्तार से चर्चा होगी.
3. देश की वर्तमान राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों पर पार्टी के इस सम्मेलन में चर्चा की जाएगी.
4. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार में रहते हुए जो जनहित के काम दिल्ली की जनता के लिए किए हैं उनपर भी चर्चा की जाएगी. देशभर के कार्यकर्ताओं को उनसे अवगत कराया जाएगा।
5. दिल्ली सरकार द्वारा जनलोकपाल बिल पास करने और केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा कानून न बनाने पर चर्चा होगी.