दिल्ली में 1 सितंबर से खाद्य सुरक्षा योजना लागू कर दी गई. पहले दिन दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने खुद जरूरतमंदों को सस्ता अनाज अपने हाथों से दिया. हालांकि पहले ही दिन लोग जहां योजना से संतुष्ट दिखे, वहीं कुछ लोगों ने अनाज की मात्रा को लेकर नाराजगी जाहिर की.
चुनावों से पहले सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजन फूड सिक्योरिटी स्कीम आखिरकार रविवार से शुरू कर दी गई. इस योजना को शुरू करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य है. कांग्रेस के लिए इस योजना की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले दिन दिल्ली की सीएम खुद अपने विधानसभा में इस स्कीम को शुरू करने पहुंचीं. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर योजना की खूबियां गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
शीला दीक्षित ने कहा, 'इसके लागू होने पर अब कोई भूखा नहीं रहेगा. गरीबों को सस्ता अनाज मिलेगा. दो रुपये किलो गेंहू और तीन रुपये किलो चावल मिल सकेगा.' पहले चरण में 32 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे, जिसमें अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई), गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाले (बीपीएल), झुग्गी राशन कार्ड (जेआरसी) तथा रीसेटलेमेंट कॉलोनी राशन कार्ड (आरआरसी) कार्ड धारकों को शामिल किया गया है. योजना का लाभ उठाने वाले इससे संतुष्ट दिखे तो वहीं राशन की कम मात्रा उन्हें जरूर खटकी.
दिल्ली में इस साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं और इस लिहाज से इस योजना को कांग्रेस के लिए संजीवनी से कम नहीं माना जा सकता. दिल्ली में खाद्य सुरक्षा योजना शुरू कर शीला दीक्षित ने एक तीर से दो निशाने साधे. पहला सोनिया गांधी के सपने को सबसे पहले दिल्ली में लागू कर कांग्रेस में अपनी छवि को और मजबूत किया और दूसरी ओर गरीबों को सस्ता अनाज देकर आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नंबर भी बड़ा दिए.