अगर आपने स्कूली परीक्षाओं में कभी नकल की है तो यह खबर आपके लिए है. स्कूल में नकल करने पर आपको जेल भी हो सकती है.
सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में 15 साल पहले फर्जीवाड़ा करने के आरोप में एक शख्स को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है.
दोषी का नाम आसिफ जमाल है. अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, 1998 में जब वह दसवीं में था, उसने अपनी जगह एक दोस्त को सोशल साइंस का पेपर देने भेज दिया था.
1 नवंबर को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने जमाल को तीन साल कैद की सजा सुनाई. उसे चीटिंग, फर्जीवाड़े और आपराधिक षडयंत्र का दोषी पाया गया.
घटना के वक्त एग्जाम हॉल में मौजूद निरीक्षकों के बयान ने मामले में अहम रोल निभाया. चूंकि घटना के वक्त दोषी नाबालिग था इसलिए मामले को जुवेनाइलज जस्टिस बोर्ड को भेज दिया गया.
जमाल के वकील ने दलील दी कि उसके मुवक्किल को प्रोबेशन पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि वह पिछले 15 सालों से ट्रायल पर है और पत्नी और तीन बच्चों के लालन-पालन का भार भी उसके कंधों पर है.
इस पर जज ने कहा कि लंबे ट्रायल के आधार पर सजा नहीं घटाई जा सकती. हालांकि जमाल को जमानत दे दी गई.