देश की आबोहवा में इन दिनों रोज़ जितने गोरक्षक पैदा हो रहे हैं उतनी गाय भी नहीं पैदा हो रही. इस वक़्त गायों को लेकर जो डर का माहौल चल रहा है वो लगातार सुर्खियों बटोरे हुए है, जिसके चलते गाय और उसके साथ सही इरादे से जा रहे लोगों के ज़ेहन में भी डर रच बस गया है. दुखद ये है कि इस डर के आगे पीएम मोदी की अपील भी नकारा साबित हुई है और अब इस डर से दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा भी अछूते नहीं रह गए हैं.
कपिल मिश्रा अब अपनी गाय लक्ष्मी से रोजाना नहीं मिल पाएंगे. लक्ष्मी गांव भी गुमसुम है क्योंकि खामोशी की ये कसक इन बेजुबानों के ज़ेहन में घर कर गयी है कि अब वो अपने मालिक के घर से हमेशा के लिए जुदा होने जा रही हैं. दरअसल कपिल मिश्रा ने मंत्री निवास मिलते ही अपने घर में दो गाय पाली थी जिनका नाम लक्ष्मी और भोली है और इन दो गायों के दो बछड़े भी हैं जो नन्दिनी और शिवा के नाम से पुकारे जाते हैं. कपिल के परिवार के अहम सदस्य बन चुके ये चारों अब मंत्री निवास खाली होने के चलते साथ नहीं रह पाएंगे.
दरअसल कपिल मिश्रा ने अपने परिवार के साथ यह घर 2 दिन पहले ही खाली कर दिया था मगर उन्हें रोजाना यहां सिर्फ अपने चार पशुओं की देखभाल करने के लिए आना पड़ता था. इसकी वजह यह थी कि देश में इस समय कथित गोरक्षकों का जो डर बना हुआ है उसके चलते उनकी गायों को टैंपू में ले जाने के लिए कोई भी राजी नहीं था. इसलिए पुलिस से इजाजत का पत्र लिया गया और पुलिस सुरक्षा में कपिल मिश्रा के घर से इन गायों को ले जाया गया. कपिल के घर में गाय की देखभाल करने वाले अशोक, एक गाय नन्दिनी को अपने घर बुलन्दशहर ले जाना चाहते थे लेकिन गोरक्षकों का डर उनके गाय प्रेम पर भारी पड़ गया और वो ये कदम नहीं उठा पाये.
ज़ाहिर है भोली, लक्ष्मी, नन्दिनी, शिवा को नहीं मालूम कि मंत्री निवास क्या होता है और नोटिस के चलते कितने दिन में घर खाली करना होता है. जानवर सिर्फ प्रेम की भाषा समझता है और इसी प्रेम के चलते ये घर छोड़ जाने के लिए टम्पू में चढ़ने को तैयार नहीं दिखा. लेकिन सरकार के फरमान के आगे पूर्व मंत्री की नहीं चली तो इन बेजुबान जानवरों की कैसे चली. लक्ष्मी, नन्दिनी, भोली और शिवा को कपिल मिश्रा का सरकारी घर छोड़कर जाना ही पड़ा.