दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके स्थान पर सत्येंद्र जैन को दिल्ली का नया परिवहन मंत्री बनाया गया है. माना जा रहा है कि गोपाल राय से ये मंत्रालय उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते लिया गया है.
'आज तक' से गोपाल राय ने खास बातचीत की और अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने मंत्रालय हेल्थ के कारण छोड़ा है.
आप पर यह आरोप लग रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते आपका मंत्रालय छीना गया है?
गोपाल राय- देखिए यह तो मैं मंगलावर से ही मीडिया में देख रहा हूं, कि किस तरह से झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है. जबकि पूरे मीडिया को पता है कि पिछले 6 मई को जो हमारे अंदर गोली फंसी है, उसका ऑपरेशन हुआ. उसके बाद में हैदराबाद गया था और उसके बाद में इंडियन स्पाइनल इंजरी में एडमिट हुआ. मेरा इलाज चल रहा है, इसलिए पिछले ही मंगलवार को मुख्यमंत्री जी से मेरी बातचीत हुई थी. ट्रांसपोर्ट मंत्रालय का काम काफी ज्यादा है, तो सारे मंत्रालयों का काम करना हमारे लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा है. इसलिए हमने उनसे रिक्वेस्ट किया था कि जब तक इलाज चल रहा है ट्रांसपोर्ट विभाग किसी और को दे दिया जाए. उसी के साथ मुख्यमंत्री जी ने यह फैसला लिया है.
जहां तक भ्रष्टाचार की बात है तो मैं यह चैलेंज दे कर कहता हूं कि जो प्रीमियम बस सर्विस में पॉलिसी बनी है वह दिल्ली को ऑड-इवन के बाद प्रदूषण और कंजक्शन फ्री बनाने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और उसमें एक पैसे का भ्रष्टाचार पूरी बीजेपी, सीबीआई और एसीबी मिलकर साबित कर दें तो मैं पूरी जिंदगी जेल में रहकर बिताने को तैयार हूं.
आपने कहा की हेल्थ ग्राउंड पर आपने ट्रांसपोर्ट मंत्रालय छोड़ा लेकिन पांच मंत्रालय अभी भी आप देख रहे हैं अगर हेल्थ इश्यू है तो फिर आप 5 मंत्रालय कैसे संभाल रहे हैं?
गोपाल राय- बाकी मंत्रालयों में और परिवहन मंत्रालय में काफी फर्क है. हमारी जो साठ फीसदी एनर्जी है वह परिवहन में ही लगती रही है. अभी हमने काम आधे करवाए हैं. हमें हॉस्पिटल से तीन-चार घंटे ही समय मिलता है. ट्रांसपोर्ट मंत्रालय का काम 24 घंटे का होता है.
कहां जा रहा कि केजरीवाल आप से खुश नहीं है. एसीबी जाते समय पार्टी का कोई भी नेता आपके साथ मौजूद नहीं था. डिफेन्ड करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, वजह क्या है इसकी?
गोपाल राय- शायद आपको भ्रम है. हजारों लोग यहां मौजूद थे. कम से कम 20-25 विधायक वहां हमारे साथ गए. मेरे को लगता है जानबूझकर मीडिया में एक साजिश क्रिएट की जा रही है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. दिल्ली के अंदर जो आम आदमी की सरकार है वह अपना काम कर रही है और करती रहेगी.
जब आपकी हेल्थ ठीक हो जाएगी, आप रिकवर कर जाएंगे तो क्या आपको परिवहन मंत्रालय वापस मिल जाएगा इस बात की गारंटी है?
गोपाल राय- यह तो मुख्यमंत्री जी से बात करेंगे. स्वास्थ्य ठीक होने के बाद डिस्कस करेंगे उसके बाद डिसीजन लेंगे सब मिलकर.
आप चाहते हैं को दोबारा आपको मिले ट्रांसपोर्ट मंत्रालय क्योंकि आपने इच्छा से छोड़ा है यह आपका कहना है?
गोपाल राय- जो भी काम होता है सामूहिक बैठकर तय करते हैं. देखिए अभी स्वास्थ्य के लिए हमारा इलाज चल रहा है. बाद में बैठकर तय करेंगे.
21 विधायक जो संसदीय सचिव बनाए गए थे उसको लेकर बवाल चल रहा है. 21 बनाए क्या कानून पता नहीं था? कानून का उल्लंघन है? दूसरा राष्ट्रपति ने जो फैसला लिया उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं?
गोपाल राय- देखिए पहली बात यह है कि यह मसला कानूनी नहीं है. मोदी सरकार जिस तरीके से हर चीज को पैरालाइस करना चाहती है, उनको डर लगता है कि दिल्ली सरकार ने काम किया तो देश और दिल्ली की जनता आम आदमी सरकार के साथ खड़ी होगी, इसलिए पल-पल हर कदम पर अड़ंगा लगाने की कोशिश है. जहां तक उनकी बात है कि विधायक कर क्या रहे हैं तो ये झूठ फैलाया जा रहा है. अगर कहीं पानी नहीं मिलता विधायक खड़े हो जाते हैं. बिजली नहीं मिलती विधायक खड़े हो जाते है. यह सरकार काम करने के लिए आई है. हम बार-बार यह कहते हैं कि वह परेशान करते रहेंगे, हम काम करते रहेंगे, कोई फर्क नहीं पड़ता.