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JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और खालिद सैफी को दंगों के एक मामले में कोर्ट से राहत

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के एक मामले में दोनों को आरोपमुक्त कर दिया है. अभी तक दोनो इस मामले में जमानत पर चल रहे थे. लेकिन दंगों की साजिश को लेकर UAPA मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.

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अक्टूबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी
अक्टूबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और खालिद सैफी को दिल्ली की कोर्ट से राहत मिली है. कारण, दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के एक मामले में दोनों को आरोपमुक्त कर दिया है. अभी तक दोनो इस मामले में जमानत पर चल रहे थे.लेकिन दंगों की साजिश को लेकर UAPA मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.

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दरअसल, इन दोनों के खिलाफ ये मामला एक कांस्टेबल के बयान के आधार पर दर्ज किया गया था. जिसमें उसने कहा था कि फरवरी 2020 में चांद बाग पुलिया के पास भारी भीड़ जमा हुई थी. जिसने पत्थरबाजी की थी। उसमें ये दोनों भी आगे आगे थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य परमाचल ने ये फैसला खजूरी खास थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 101/2020 के आधार पर विस्तृत सुनवाई के बाद सुनाया है। 

दिल्ली दंगों को लेकर इन दोनों के खिलाफ FIR 101/2020 में धारा 109, 114, 147, 148, 149, 153-A, 186, 212, 353, 395, 427, 435, 436, 452, 454, 505, 34 and 120-B के तहत मामला दर्ज किया गया था. 

बता दें कि पिछले अक्टूबर में ही दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने फैसला सुनाया था. उमर खालिद ने निचली अदालत में जमानत अर्जी खारिज होने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए अर्जी दाखिल की थी. लेकिन उन्हें यहां से भी राहत नहीं मिली.

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2020 में खालिद को किया गया था अरेस्ट 

साल 2020 के फरवरी महीने में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था. शरजिल इमाम और कुछ अन्य लोगों के साथ ही दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को मुख्य आरोपी बताते हुए यूएपीए और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.

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