एक अन्तर्राष्ट्रीय अध्ययन में सामने आया है कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में समय से पहले 10,000 से 30,000 लोगों की मौत हो रही है. जिसके अनुसार हर दिन मरने वालों का आंकड़ा 80 है.
सांस लेने में परेशानी मौत का कारण
इनवायर्मेंटल स्टडीज और टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुए इस अध्ययन को करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर मौतें दिल के दौरे से होती है ज्यादातर इसका कारण सांस लेने में समस्या होना बताया जाता है.
वायु में गुणवत्ता के मानकों को सुधारा जाए
अध्ययन में पता चलता है कि अगर वायु में गुणवत्ता के मानकों को सुधारा जाए तो 45 फीसदी आपातमृत्यु को रोका जा सकता है. अगर दिल्ली की हवा को उन मानकों के समान बनाया जा सके जो मानक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी किए हैं तो 85 फीसदी आपातमृत्यु रोकी जा सकती हैं.