एफटीआईआई अध्यक्ष पद पर गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के खिलाफ मंगलवार को संस्थान के छात्रों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कार्यालय के बाहर एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल की. इस दौरान कुछ अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भी प्रदर्शनकारियों का साथ दिया. आंदोलनकारियों ने अपनी हड़ताल के 100वें दिन देशभर में रैली निकालने की चेतवानी दी है.
पुणे स्थित एफटीआईआई, दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र शास्त्री भवन के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए. इस भवन में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कार्यालय है. बाद में छात्रों को बलपूर्वक पुलिस ने वहां से हटाया. इस दौरान 12 छात्रों को हिरासत में लिया गया.
नहीं ली थी प्रदर्शन की अनुमति
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने किसी भी तरह के प्रदर्शन के लिए पहले से अनुमति नहीं ली थी. कानून और व्यवस्था के मुद्दे को देखते हुए उन्हें हिरासत में लिया गया.' एफटीआईआई की एक छात्रा साक्षी गुलाटी ने कहा, 'हमारे छात्र भूख हड़ताल पर हैं. कुछ को पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, यह दिखाता है कि उनको छात्रों की परवाह नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्क जकरबर्ग से मिलने के बारे में अरूण जेटली ट्वीट कर सकते हैं, लेकिन वह हमारे मुद्दों पर बात नहीं कर सकते.' मुद्दे के राजनीतिकरण से जुड़े एक सवाल पर संस्थान के एक अन्य छात्र किसलय ने कहा, 'यह सरकार एफटीआईआई और अन्य संस्थानों का भगवाकरण कर रही है. हमने सभी राजनीतिक दलों से हमारे मुद्दे को समर्थन देने का आग्रह किया है.' किसलय ने कहा कि आंदोलनरत छात्र कल मुंबई में और 18 सितंबर को पटियाला में इसी प्रकार की हड़ताल करेंगे.
-इनपुट भाषा से