पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जी-20 समिट में हिस्सा लिया. समिट में अफगानिस्तान पर चर्चा हुई. बैठक की अध्यक्षता इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने की. बैठक में आतंकवाद संबंधी चिंताओं और अफगानिस्तान में मानवाधिकार को लेकर चर्चा हुई. बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक बुलाने पर इतालवी जी20 प्रेसीडेंसी की पहल का स्वागत किया. उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच सदियों पुराने संबंधों पर जोर दिया.
प्रधान मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में, भारत ने अफगानिस्तान में युवाओं और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने में योगदान दिया है. उन्होंने बताया कि भारत द्वारा अफगानिस्तान में 500 से अधिक विकास परियोजनाओं को लागू किया गया है.
Participated in the G20 Summit on Afghanistan. Stressed on preventing Afghan territory from becoming the source of radicalisation and terrorism.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2021
Also called for urgent and unhindered humanitarian assistance to Afghan citizens and an inclusive administration.
प्रधान मंत्री ने कहा कि अफगान लोगों के मन में भारत के प्रति मैत्री की भावना है. उन्होंने कहा कि हर भारतीय भूख और कुपोषण का सामना कर रहे अफगान लोगों का दर्द महसूस करता है. पीएम ने बैठक में अपने संबोधन के दौरान अफगान नागरिकों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता और एक समावेशी प्रशासन का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय समाज संकट की घड़ी में अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा हो, इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है.
इसके अलावा पीएम ने अफगान क्षेत्र को कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत बनने से रोकने पर जोर दिया. उन्होंने इस क्षेत्र में कट्टरपंथ, आतंकवाद और नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी की गठजोड़ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.