बीजेपी नेता नितिन गडकरी के आपराधिक मानहानि केस में AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय हो गए हैं. कोर्ट ने आईपीसी की धारा 499 व 500 के तहत आरोप तय कर दिए हैं. अगर आरोप साबित हुए, तो केजरीवाल को 2 साल की जेल हो सकती है. पटियाला कोर्ट ने केस की अगली सुनवाई 2 अगस्त तय की है.
इससे पहले, नितिन गडकरी मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल ने बयान वापस लेने से इनकार कर दिया. केजरीवाल और नितिन गडकरी दोनों ही शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट पेशी के लिये पहुंचे. यह पहला मौका है जब इस केस में दोनों नेता एक साथ कोर्ट में पेश हुए.
अदालत में नितिन गडकरी ने कहा कि केजरीवाल को अपना बयान वापस लेना होगा लेकिन केजरीवाल ने इससे साफ इनकार कर दिया. अदालत ने दोनों से कहा है कि वे जल्द से जल्द अपना झगडा खत्म करें.
कोर्ट की कार्यवाही का पूरा ब्यौरा
जज ने गडकरी से कहाः अगर आप चाहें तो इस मतभेद को खत्म कर सकते हैं. आप दोनों राजनेता हैं, अपना समय अच्छे कामों में लगाएं.
गडकरीः अगर केजरीवाल अपना बयान वापस ले लेते हैं तो मैं केस वापस लेने को तैयार हूं.
जजः क्या आप दोनों सुलह नहीं सकते? गडकरी जी आप तो चुनाव भी जीत चुके हैं. पूरानी बातों को भूल जाएं.
गडकरीः मैंने मनीष तिवारी के खिलाफ भी ऐसी ही शिकायत की थी. उन्होंने माफी मांग ली और मैंने केस वापस ले लिया. दरअसल, मेरे पास मेरे क्रेडिट के अलावा कुछ भी नहीं. इन आरोपों के कारण मेरी छवि को धक्का लगा है. मैं माफी मांगने की भी बात नहीं कर रहा. अगर केजरीवाल अपना बयान वापस ले लेते हैं तो मैं केस वापस ले लूंगा.
जज ने केजरीवाल से कहाः आप तो एक एजेंडे के साथ राजनीति में आए थे. ये किस चक्कर में फंस गए? पूरी दुनिया की नजर आप दोनों पर है. सबके सामने एक उदाहरण पेश कीजिए. यह इज्जत का सवाल नहीं है. अगर आपके पास सबूत है तो केस करें. पर मीडिया में ऐसे बयान देने की क्या जरूरत?
केजरीवालः मेरी नितिन गडकरी के साथ कोई निजी दुश्मनी नहीं है.
गडकरीः अगर केजरीवाल माफी नहीं मांगते तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं सिर्फ इस बात को लेकर फिक्रमंद हूं कि वह अपना बयान वापस लेते हैं या नहीं. मैं केजरीवाल जी की इज्जत करता हूं. लेकिन राजनेता के तौर पर मेरे पास सम्मान के अलावा कुछ नहीं है.
केजरीवालः मैं अपना बयान वापस नहीं लूंगा.
इसके बाद नितिन गडकरी के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि यह बयान संतोषजनक नहीं है.
आज की कार्यवाही में कोर्ट ने दोनों नेताओं को इसे इज्जत का मुद्दा न बनाने की सलाह दी. दोनों को सुलह करने को कहा. जिसके जवाब में गडकरी का कहना था कि यह उनके लिए सम्मान का मुद्दा है वहीं केजरीवाल ने कहा कि उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है.