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गैस एजेंसियों की मनमानी से ग्राहक परेशान

सरकार ने घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने के लिए ग्राहकों के बैंक अकाउंट नंबर और आधार कार्ड नंबर से कनेक्शन जोड़े जाने की बात क्या कही कि ऐसे में गैस कम्पनियों और एजेंसियों की टारगेट पूरा करने में होड़ सी लग गई है.

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सरकार ने घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने के लिए ग्राहकों के बैंक अकाउंट नंबर और आधार कार्ड नंबर से कनेक्शन जोड़े जाने की बात क्या कही कि ऐसे में गैस कम्पनियों और एजेंसियों की टारगेट पूरा करने में होड़ सी लग गई है.

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ऐसे में सभी नियम और कानूनों को ताख पर रख कर एजेंसिया ग्राहकों से जबरन आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर लेने लगी और ग्राहकों द्वारा ऐसा न करने पर लगभग हजारों की संख्या में कनेक्शन तक ब्लॉक कर दिए, जिससे इन कंपनियों के ग्राहक काफी परेशान हो रहे हैं. हालांकि इस तरह की जबरदस्ती का प्रावधान पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा नहीं दिया गया है.

गैस कंपनियों की इस मनमानियों के लिए जब कई ग्राहकों ने मंत्रालय में शिकायत की तो आनन-फानन में एजेंसियों द्वारा गैस कनेक्शन भी चालू कर दिए और शिकायत वापिस लेने के आग्रह भी किए गए. ऐसे में साफ है कि गैस एजेंसिया अपनी मनमानी के चलते हजारों ग्राहकों को परेशान कर रही है.

उत्तम नगर निवासी बुजुर्ग विधिनाथ (75), जो लगभग 20 सालों से भारत गैस के ग्राहक है, जिन्होंने बीते 12 मार्च को भारत गैस के नजफगढ़ स्थित नौशीन गैस एजेंसी के खिलाफ मंत्रालय में एक ई- मेल डाल कर अपनी शिकायत दर्ज कराई. इनका आरोप है कि पिछले कई महीनों से गैस एजेंसिया अपनी मनमानी कर रही है और आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर न देने की वजह से इनके कनेक्शन को ब्लॉक कर दिया है.

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गैस एजेंसियों का कहना है की जब तक आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर जमा नहीं कराएंगे तब तक गैस सिलेंडर नहीं मिलेगा, जबकि ऐसा कोई भी नियम पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में लागू नहीं किया गया है. ऐसे में जब 75 वर्षीय बुजुर्ग विधिनाथ ने मंत्रालय में ई-मेल करके इस बात की शिकायत की तो गैस एजेंसियों से लगातार फोन आने लगे और गैस एजेंसी ने कनेक्शन ओपन करने और गैस सिलेंडर भेजने की बात कही पर अभी तक न तो गैस एजेंसी और न ही गैस कंपनी की तरफ से इस गलती को माना गया और न ही कोई कार्रवई की गई. गैस एजेंसियों का साफ कहना है कि लगभग 4000 कनेक्शन गैस कंपनी के मार्केटिंग हेड के कहने पर ब्लॉक किया गया है. ऐसा हाल सिर्फ एक नहीं कई परिवारों का है.

हम आपको बता दें कि जहां एक तरफ सरकार घरेलू एलपीजी गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए और ग्राहकों को सब्सिडी द्वारा लाभ देने के लिए सीधे तौर पर ग्राहकों के कनेक्शन उनके आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर के साथ जोड़ रही है, वहीं गैस कंपनियां और उनकी एजेंसी सभी कानूनो को ताख पर रखकर मनमानी कर रहे हैं. एजेंसियों की इस हरकत से ग्राहक काफी परेशान हैं.

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हालांकि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा इस तरह की कोई प्रतिबद्धता नहीं लगाई गई है कि अगर ग्राहक आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर नहीं जमा कराता तो उसका कनेक्शन बंद कर दिया जाएगा. सरकार द्वारा ये पूरी प्रक्रिया सिर्फ और सिर्फ सब्सिडी देने और एलपीजी कालाबाजारी को रोकने के लिए की जा रही है, जिसके चलते 31 मार्च तक ग्राहकों के बैंक अकाउंट नंबर और आधार कार्ड एजेंसियों पर जमा कराने होंगे. इसके अलावा ग्रेस पीरियड देते हुए ये अवधि कुछ बढ़ाई भी जा सकती है पर गैस कनेक्शन बंद नहीं किए जाएंगे.

इन सब बातों के बावजूद भी गैस एजेंसियों ने ग्राहकों को परेशान करते हुए लगभग कई हजार कनेक्शन दिसंबर और जनवरी से ही बंद कर दिए और उनसे जबरन बैंक अकाउंट और आधार कार्ड मांगा जाने लगा जोकि इन एजेंसियों के कर्मचारियों ने खुद ही स्वीकार किया है.

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