दिल्ली सरकार की 'घर-घर राशन योजना' पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है. इसके बाद एक बार फिर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच जंग छिड़ गई है. रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. करीब साढ़े 12 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल का पूरा फोकस प्रधानमंत्री मोदी पर था. उन्होंने केंद्र सरकार की बजाय सीधे प्रधानमंत्री से ही सवाल पूछे. केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से योजना खारिज करने पर 6 सवाल किए.
पहला सवालः आपने ऐसा क्यों किया सर?
'नमस्कार. आज मैं बहुत व्यथित हूं. सीधे आपसे बात करना चाहता हूं. अगर मुझसे कोई हिमाकत हो जाए. भूल हो जाए तो मुझे माफ कर दीजिएगा. दिल्ली में अगले हफ्ते से घर-घर राशन पहुंचाने का काम शुरू होने वाला था. सारी तैयारी हो चुकी थी. टेंडर हो चुके थे. और अचानक आपने दो दिन पहले इसको रोक दिया. क्यों सर? आपने ऐसा क्यों किया?
दूसरा सवालः राशन माफिया से हमदर्दी क्यों?
'70 साल से इस देश की गरीब जनता राशन माफिया का शिकार होती आई है. हर महीने फाइलों में जनता के नाम का राशन जारी होता है, पर उनको मिलता नहीं है. ज्यादातर राशन चोरी हो जाता है. ये राशन माफिया बहुत ताकतवर हैं. इस राशन माफिया के तार बहुत ऊपर तक हैं सर. 75 साल में आज तक कोई सरकार इस माफिया को खत्म करने की हिम्मत नहीं कर पाई है. दिल्ली में पहली बार एक सरकार आई है, जिसने ये हिम्मत दिखाई. अगर ये योजना लागू हो जाती है न सर, ये राशन माफिया खत्म हो जाता. आपको इन राशन माफिया से इतनी हमदर्दी क्यों हैं?'
तीसरा सवालः एप्रूवल के बाद भी खारिज क्यों की?
'आपने ये कहके हमारी स्कीम खारिज की है कि हमने केंद्र सरकार से इसकी एप्रूवल नहीं ली. ये गलत है सर. हमने एक बार नहीं, 5-5 बार आपकी एप्रूवल ली है. कानूनन हमें दिल्ली में ये स्कीम लागू करने के लिए केंद्र सरकार के एप्रूवल की जरूरत नहीं है. कानूनन इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से सक्षम है. मार्च के महीने में हमारी योजना पर आपकी सरकार ने कुछ आपत्तियां लगाईं. हमने आपके सारे ऑब्जेक्शन दूर किए. इस सबके बावजूद आप कहते हैं कि हमने आपकी एप्रूवल नहीं ली. और कैसे एप्रूवल लेते हैं सर? इसके बाद भी आपने स्कीम खारिज कर दी. क्यों सर?'
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चौथा सवालः कोर्ट के बाहर योजना खारिज क्यों?
'आपने लिखा है कि क्योंकि राशन दुकानदारों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में केस कर रखा है, इसलिए ये स्कीम खारिज की जा रही है. ये दुकानदार हाईकोर्ट में इस योजना पर स्टे लेने गए थे. हाईकोर्ट ने मना कर दिया. जब हाईकोर्ट ने रोक नहीं लगाई तो आपने इस पर रोक कैसे लगा दी? उस हाईकोर्ट के केस में केंद्र सरकार भी पार्टी है. कोर्ट में केंद्र सरकार ने हमारी इस योजना के खिलाफ एक भी आपत्ति नहीं जताई. जब कोर्ट में आपको हमारी योजना पर आपत्ति नहीं थी तो अब कोर्ट के बाहर इस योजना को खारिज क्यों किया जा रहा है?'
पांचवा सवालः घर पर राशन पहुंचाने से आपत्ति क्यों?
'अगर इस देश में पिज्जा-बर्गर, स्मार्टफोन और कपड़ों की होम डिलीवरी हो सकती है तो फिर गरीबों के घरों में राशन की डिलीवरी क्यों नहीं होनी चाहिए. सारा देश जानना चाहता है. आपने ये स्कीम खारिज क्यों की सर? ये कोरोना का कठिन समय है. मैं कई लोगों को जानता हूं जो इस डर से राशन लेने नहीं जाते. सब गरीब लोग हैं सर. कई लोग कोरोनाकाल में नौकरी खो चुके हैं. उनके घर में खाने को नहीं है. अगर हम इनके घर में राशन पहुंचाना चाहते थे तो इसमें आपको क्यों आपत्ति है.'
6वां सवालः आप हम सबसे क्यों लड़ रहे हैं?
'केंद्र सरकार के अधिकारी कह रहे हैं कि ये राशन केंद्र का है तो दिल्ली क्रेडिट क्यों ले? मैं क्रेडिट नही ले रहा हूं, प्लीज लागू कर दीजिए. दुनिया से कहूंगा कि मोदी जी ने योजना लागू की. इस वक्त देश बहुत भारी संकट से गुजर रहा है. ये वक्त एक-दूसरे का हाथ पकड़कर मदद करने का है. ये वक्त एक-दूसरे से झगड़ने का नहीं है. आप ममता दीदी से झगड़ रहे हैं. झारखंड सरकार से झगड़ रहे हैं. आप लक्षद्वीप के लोगों से झगड़ रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार से लड़ रहे हैं. दिल्ली के लोगों से लड़ रहे हैं. किसानों से लड़ रहे हैं. लोग इस बात से बहुत दुखी हैं सर. ऐसे देश कैसे चलेगा? आप हम सबसे क्यों लड़ रहे हैं?'