यूं तो दिल्ली पुलिस के दामन पर लापरवाही का दाग लगना नई बात नहीं है लेकिन इस बार पुलिस की ऐसी लापरवाही सामने आई है जिसके चलते 10वीं कक्षा की छात्रा व उसके परिवार का जीना दूभर हो गया है.
मामला पश्चिमी दिल्ली के मुंडका थाने का है. यहां रहने वाली दसवीं की छात्रा 13 मई को अचानक घर से गायब हो गयी और उसके बाद घरवालों ने मुंडका थाने में उसकी रिपोर्ट दर्ज करवा दी. ठीक 3 दिन बाद नाबालिग लड़की 16 मई को अपने आप घर लौट आई. पता चला की वह पड़ोसी परिवार के साथ शादी में चली गयी थी.
इस बात की सूचना छात्रा के परिवारवालों ने तुरंत मुंडका थाने में दी, जिसके बाद अगले दिन छात्र और उसके परिवार को पुलिस तीस हजारी कोर्ट ले गयी और कोर्ट के आदेश के बाद पूरे मामले को खत्म कर दिया गया. पर अचानक इसके दो महीने बाद 11 जुलाई को एक बड़े दैनिक हिंदी समाचार पत्र को देखकर पूरे परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गयी. क्योंकि इसमें उनकी बेटी की तस्वीर के साथ-साथ पूरे परिवार की जानकारी छपी थी जिसमें छात्रा को गुमशुदा बताते हुए मुंडका थाना प्रभारी द्वारा उसके बारे में सूचना मांगी गयी थी और उसे गुमशुदा बताया गया था.
छात्रा के पिता का कहना है कि 'केस कोर्ट में खत्म हो गया था. अब अखबार में छपा है कि वो गुमशुदा है. स्कूल के लोग व रिश्तेदारों ने फोन करके पूछना शुरू कर दिया है. दोषी पुलिसवालों पर कारवाई होनी चाहिए.'
दिल्ली पुलिस के लापरवाह रवैये के चलते एक लड़की और उसका पूरा परिवार बदनाम हो गया है. हांलाकि मामले की जानकारी जिले के आला अधिकारियों को लगते ही जांच के आदेश तुरंत दे दिए गए हैं.