दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर के आनंद विहार और विवेक विहार के एक्यूआई में बढ़त के पीछे उत्तर प्रदेश की बसों को भी जिम्मेदार बताया है. उन्होंने यूपी सरकार से दिल्ली में सीमावर्ती क्षेत्रों के आसपास यूपी की बसों से होने वाले प्रदूषण की जांच करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' की नीति लागू होने पर 15-20% वाहनों का उत्सर्जन कम हो जाता है.लेकिन एलजी ने अभी तक इसको मंजूरी नहीं दी है.
बता दें कि बीते शनिवार को गोपाल राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए पिछले दो सालों से 'रेड लाइट, आन गाड़ी आफ' अभियान चलाया जा रहा था. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस बार दिल्ली के उपराज्यपाल इस जन जागरूकता अभियान को किसी भी कीमत पर शुरू नहीं करने देना चाहते हैं. उपराज्यपाल दिल्ली के लोगों के सांसों के साथ राजनीति कर रहे हैं.
साथ ही राय ने आगे कहा कि कल तारीखों का बहाना बनाया गया और कहा गया कि एक सप्ताह छुट्टीयां थीं. लेकिन एलजी साहब की मंशा तो इस अभियान को रोकने की थी. कल तक वे कह रहे थे कि इस फाइल में 31 अक्टूबर की तारीख लिखी हुई है. इसलिए फाइल अभी नहीं किया है, लेकिन आज उन्होंने फाइल वापस भेज दी और कहा है कि इसे फिर से सबमिट करिए. इसका सीधा सा मतलब है कि अब रेड लाइट ऑन गाड़ी आफ अभियान 31 तारीख से शुरू नहीं हो पाएगा. आज बहाना बनाया गया कि पिछले सालों में जब यह अभियान चलाया गया तब इस अभियान का क्या प्रभाव पड़ा, उसका अध्ययन नहीं कराया गया.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस अभियान को 2020 में पहली बार 21 अकटूबर से 21 नवम्बर तक चलाया और फिर 2021 में 18 अक्टूबर से 19 नवम्बर तक चलाया था.