आम आदमी पार्टी में क्रांतिकारी नेता माने जाने वाले गोपाल राय ने स्थापना दिवस के 5 साल पूरे होने पर 'आजतक' से खास बातचीत की है. राय ने बताया कि रामलीला मैदान में जनलोकपाल आंदोलन से आम आदमी पार्टी सरकार तक के सफर पर खट्ट-मीठे अनुभव की चर्चा होगी. स्थापना दिवस में 'आप' के 22 राज्यों से प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
रामलीला मैदान में आयोजित स्थापना दिवस के कार्यक्रम में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी भी की गई है. आम आदमी पार्टी ने अपने मुद्दे में देश के किसानों की दुर्दशा पर चर्चा, अघोषित आपातकाल पर चर्चा और नोटबंदी-जीएसटी पर भी कार्यकर्ताओं से बातचीत करने का प्लान बनाया है.
दिल्ली में सत्ता होते हुए एमसीडी में विफल होने के बाद गोपाल राय ने दावा किया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी मजबूती की तरफ बढ़ी है. देश भर में बीजेपी, कांग्रेस या लेफ्ट का इतिहास देखें तो आम आदमी पार्टी सबसे तेज आगे बढ़ रही है.
5 साल के दौरान पार्टी से बड़े नेताओं के जाने पर राय ने बताया कि आंदोलन में एक खास विचारधारा के साथ लोग नहीं जुटे थे. आंदोलन से पार्टी बनी लेकिन कुछ लोगों की व्यक्तिगत आकांक्षाए थीं, या वैचारिक मतभेद थे. जब अन्ना जी ने आंदोलन शुरू किया तो कई लोग आए कई चले गए. यह एक द्वंद है कि नए लोग जुड़े और पुराने चले गए.
दिल्ली में अब तक जनलोकपाल कानून ना बन पाने के सवाल पर गोपाल राय ने कहा कि जनलोकपाल आंदोलन के गर्भ से आम आदमी पार्टी पैदा हुई थी. दिल्ली सरकार की संवैधानिक मर्यादा है और 6 महीने के अंदर जनलोकपाल बिल विधानसभा में पास किया गया था. सवाल यह है कि केंद्र सरकार क्यों डर रही है. केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि जनलोकपाल बिल में क्या कमी है और कहां संशोधन की जरूरत है, लेकिन केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि भ्रष्टाचार की लड़ाई दिल्ली में मजबूत हो.
भ्रष्टाचार से निपटने के मामले में गोपाल राय ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा है. राय ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि देश में केंद्र सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, जबकि दिल्ली में AAP सरकार के पास एंटी करप्शन ब्रांच ना होने के बावजूद ईमानदार सरकार का असर दिख रहा है. राय ने यह भी दावा किया कि अगर जनलोकपाल कानून बन जाए और एंटी करप्शन ब्रांच आम आदमी पार्टी सरकार को मिल जाए, तो दिल्ली एक भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बन सकता है.