सुप्रीम कोर्ट ने भले ही दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगाया हो, लेकिन इसका उतना असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आबोहवा में नहीं दिखाई दिया, जितना होना चाहिए था. नतीजन पटाखों की बिक्री पर बैन के बावजूद दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 24 गुना तक बढ़ गया. हालांकि इस बार पिछले साल के मुकाबले पटाखों से होने वाला वायु प्रदूषण कम रहा.
दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण को लेकर सामाजिक जागरुकता पर बल देने की बात कही. दिवाली पर पटाखों से निकले धुंए पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसको लेकर सरकार और संस्थाएं काम कर रही हैं. कुछ लोगों को इसका महत्व भी समझ आया है, लेकिन सामाजिक जागरुकता पर बल देना ज्यादा जरूरी है.
गोपाल राय ने साफ कहा कि इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि प्रदूषण को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके. अगर आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए, तो हवा में पीएम 2.5 का स्तर पीएम 10 से कहीं ज्यादा बढ़ा गया है. पीएम 2.5 वह कण है, जो हमारे फेफड़ों के अंदर तक पहुंच जाते हैं. ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं.
वहीं, दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने 10 स्टेशनों पर एयर क्वालिटी मापने की व्यवस्था की है, जिनसे सामने आए आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं. अगर हम दिवाली से ठीक एक दिन पहले के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं, तो चौंकाने वाला पहलू यह है कि दिल्ली के तमाम अलग-अलग इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से नौ गुना तक ज्यादा हो गया है.
दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी यानी डीपीसीसी जिन 10 केंद्रों के आंकड़े जुटा रही है, उनमें दिल्ली के श्रीनिवासपुरी, वजीरपुर, करणी सिंह स्टेडियम, ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, ITI जहांगीरपुरी, आनंद विहार बस अड्डा, मंदिर मार्ग, पंजाबी बाग और आरके पुरम शामिल हैं.