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कैशलेस की राह चले सरकारी दफ्तर, डीएम लगाएंगे दिल्ली में क्लास

ईस्ट दिल्ली के डीएम दफ्तर में बैंक के कर्मचारी सुबह से ही अलग अलग कर्मचारियों को ट्रैनिंग देने के काम में जुट जाते हैं. मकसद पहले डीएम दफ्तर के कर्मचारियों को कैशलेस सिस्टम के प्रति जागरुक किया जा रहा है.

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कैशलैस बनेंगे सरकारी दफ्तर
कैशलैस बनेंगे सरकारी दफ्तर

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देश बदल रहा है और कैशलेस की राह पर चल रहा है, तो अब सरकारी दफ्तरों को भी नए कैशलेस सिस्टम से जोड़ने की कवायद तेज़ी से शुरु हो गई है. नीति आयोग की तरफ से मिले निर्देशों के बाद अब देशभर के सरकारी दफ्तर कैशलेस के लिए तैयार हो रहे हैं. दिल्ली में भी सभी डीएम अपने अपने इलाकों में न सिर्फ क्लास लगाएंगे, बल्कि खुद के तहत आने वाले दफ्तरों को भी बिना नकदी के काम करने की व्यवस्था में ढालने का काम शुरु भी हो गया है.

ईस्ट दिल्ली के डीएम दफ्तर में बैंक के कर्मचारी सुबह से ही अलग अलग कर्मचारियों को ट्रैनिंग देने के काम में जुट जाते हैं. मकसद पहले डीएम दफ्तर के कर्मचारियों को कैशलेस सिस्टम के प्रति जागरुक किया जा रहा है. पंजाब नेशनल बैंक ईस्ट दिल्ली का लीड बैंक है, इसलिए इस बैंक की अलग अलग टीम मोबाइल वालेट और दूसरे मोबाइल ऐप के जरिए पैसे के लेनदेन के तरीके समझा रही है.

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सरकारी दफ्तरों को कैशलेस के बारे में करेंगे जागरुक

ईस्ट दिल्ली के डीएम कुलानंद जोशी के मुताबिक नीति आयोग की तरफ से मिले निर्देशों के मुताबिक बैंक के साथ मिलकर आरडब्ल्यूए और सरकारी दफ्तरों में कैशलेस व्यवस्था को समझाया जाएगा. इसके लिए तमाम पोस्टर, हैंडबिल तैयार किए जा रहे हैं. मकसद नोटबंदी के बाद उपजे हालात को काबू करन का है, इस दौरान कैश की कमी से निपटना भी है और लोगों को बिना नोटों के ही अपनी ज़रूरत के मुताबिक खरीददारी के लिए डिजिटल पेमेंट की तरफ मोड़ना है.

डिजिटल पेमेंट को लेकर उत्साहित कर्मचारी

डिजिटल पेमेंट के तरीकों के सीखने के प्रति डीएम दफ्तर के कर्मचारियों में भी खूब उत्साह दिखा. हर कोई जानना चाहता था कि कैसे वो क्रेडिट या डेबिट कार्ड के बिना भी अपने मोबाइल से ही भुगतान कर सकते हैं. बैंक से आयी एक्सपर्ट टीम ने अलग अलग आप्शन समझाए. कर्मचारियों ने बताया कि सामान्य और साधारण प्रक्रिया अपना कर भुगतान करने का तरीका उन्हें दिलचस्प लगा.

एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को सीखना बहुत सरल है और इसे आसानी से अपना भी सकते हैं. बैंक से आयी एक्सपर्ट टीम के मेंबर भी उत्साहित थे. उनके मुताबिक लोगों को समझाने में दिक्कत नहीं हो रही है, लोग खुद ही सीखना चाहते हैं क्योंकि ये उनकी ज़रूरत बन रहा है. इसीलिए उन्हें सिखाने में भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही है.

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दिल्ली सरकार के तमाम दफ्तरों में ये कवायद शुरु हुई है. अव्वल तो कैश की कमी की वजह से लोग मजबूरी में ही सही नई व्यवस्था की तऱफ जा रहे हैं, दूसरे अब ज्यादा कैशलेस आप्शन मौजूद हैं, तो लोगो को भी लग रहा है कि कैशलेस की तरफ जाकर वो कैश को ढोने की परेशानी से बच जाएंगे.

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