केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में ई रिक्शा के प्रस्तावित नियमों पर हलफनामा दाखिल किया है. इसमें ई रिक्शा के लिए नियम बनाए गए हैं.
हलफनामे में कहा गया है कि ई रिक्शा से होने वाले हादसों में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा ई रिक्शा में चार से ज्यादा सवारियों को बैठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा था कि पहले ई रिक्शा के लिए नियम बनाए जाएं, उसके बाद इन्हें चलाने की अनुमति दी जाएगी.
ट्रांसपोर्ट और हाइवे मंत्रालय ने दायर किए हलफनामे में कहा कि ई रिक्शा के लिए गाइडलाइन तय करने में दो महीने लगेंगे तब तक इस पर लगे बैन को हटा दिया जाए. फिलहाल ड्राफ्ट गाइडलाइन दाखिल किया गया है.
यह कहा गया है हलफनामे में
1. ई रिक्शा की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.
2. ई रिक्शा में चार से ज्यादा सवारियों को बैठाने की इजाजत नहीं होगी. और इसके साथ 50 किलो से ज्यादा वजन ले जाने की अनुमति नहीं मिलेगी.
3. ई रिक्शा में 650 वाट से 1000 वाट की मोटर होगी.
4. ई रिक्शा को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत लाया जाएगा.
5. हर चौथे महीने ई रिक्शा के रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण होगा.
6. रजिस्ट्रेशन उन्हें ही मिलेगा जिन ड्राइवरों के पास मान्य लाइसेंस होगा.
7. ई रिक्शा से होने वाले हादसों में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मुआवजा दिया जाएगा.
सरकार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि कोर्ट के फैसले से करीब 50,000 ई रिक्शा ऑपरेटरों के परिवार प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा दिल्ली के लोगों को भी एक से दूसरी जगह जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ई रिक्शा पर लगे बैन को हटा लिया जाए.