जेएनयू में अफजल गुरु के समर्थन में नारेबाजी करने के मामले में पुलिस ने शनिवार दोपहर सात छात्रों को हिरासत में लिया. फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि इनमें वे पांच छात्र भी शामिल हैं या नहीं, जिनकी पुलिस को तलाश थी. पुलिस ने उमर खालिद, आशुतोष कुमार, अनिर्वाण भट्टाचार्य, राम नागा और अनंत प्रकाश नाम के छात्रों को कैंपस से फरार घोषित कर दिया था. शहर में छापेमारी जारी है.
JNU campus row: Delhi Police detain 7 JNU students pic.twitter.com/va4PFIiVlJ
— ANI (@ANI_news) February 13, 2016
पूर्व सैनिकों ने कहा, लौटाएंगे डिग्री
पूर्व सैनिकों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है. इन्होंने वीसी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि यह यूनिवर्सिटी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गई है. अगर यहां ऐसी गतिविधियों को अनुमति दी जाती रही तो हमें अपनी डिग्री लौटाने को मजबूर होना पड़ेगा. चिट्ठी 54वें एनडीए कोर्स के कुछ रिटायर्ड सैन्यकर्मियों ने लिखी है.
छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा
जेएनयू में अफजल गुरु के समर्थन में नारेबाजी करने वाले छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. केंद्र सरकार ने इन छात्रों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. पुलिस ने कई अज्ञात छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है. इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार के लिए बेगुनाह छात्रों के खिलाफ एक्शन महंगा साबित होगा.
No one supports anti-national forces. But targetting innocent students using that as an excuse will prove v costly to Modi govt
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 12, 2016
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
वसंत कुंज थाने में हुई एफआईआर के मुताबिक कई अज्ञात छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ धारा 124A देशद्रोह और आपराधिक साजिश की धारा 120B के तहत केस दर्ज किया गया है. उधर, गिरफ्तार किए गए छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को कोर्ट ने शुक्रवार को ही तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था.
8 छात्रों की पढ़ाई भी रोकी
छात्रसंघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच होने तक 8 छात्रों की पढ़ाई पर भी रोक लगा दी गई है. सरकार की सख्ती के बाद विश्वविद्यालय कमेटी ने कार्रवाई का भरोसा दिया है. इन सभी छात्रों पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा है. उधर, कन्हैया के गृह जिले बेगूसराय में कुछ लोग विरोध करने उनके घर तक पहुंच गए.
JNU टीचर्स एसोसिएशन ने की तीन मांगें
ABVP का विरोध
उधर, इस मामले पर ABVP ने देशविरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ शुक्रवार को दिल्ली में कई जगह प्रदर्शन किया. राजपथ पर प्रदर्शन कर रहे ABVP के कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
इसके साथ ही, गुरुवार शाम प्रेस क्लब में हुई देश विरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली जावेद को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया. पुलिस की ओर से बुलाए जाने पर प्रोफेसर जावेद अपने वकील के साथ संसद मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंचे
गृह मंत्री ने कहा- दोषियों को छोड़ेंगे नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जेएनयू में चल रहे बवाल पर में शामिल और भारत विरोधी नारे लगाने वालों को सरकार नहीं बख्शेगी. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है.
जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए जाने के मामले में गृह मंत्री में कहा कि देश के खिलाफ कोई भी कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'जेएनयू में जो कुछ हुआ है उसे लेकर मैंने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को जरूरी निर्देश दिए हैं. जरूरी एक्शन लिया जाएगा.' उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ नारेबाजी करने वालों और देश की गरिमा को चोट पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
Anyone who raises anti-India slogans or tries to put a ques mark on nation's unity & integrity will not be spared-HM pic.twitter.com/Za1r33SnpF
— ANI (@ANI_news) February 12, 2016
अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज
दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. बीजेपी सांसद महेश गिरी ने मामले में देशद्रोह का केस चलाने की मांग की थी और उनकी शिकायत पर वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 12A के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
ABVP ने किया आंदोलन का ऐलान
छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने घटना के विरोध में देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है. एबीवीपी ने कहा कि जेएनयू में हुई घटना देश का अपमान है और देश को बांटने की कोशिश की जा रही है. इस घटना में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
JNU छात्र संघ ने किया ABVP का विरोध
दूसरी ओर जेएनयू छात्र संघ ने जेएनयू परिसर में उठे विवाद से खुद को ‘अलग’ करते हुए कहा कि यह एबीवीपी की विश्वविद्यालय की ‘लोकतांत्रिक परंपरा’ को रोकने की कोशिश है. JNUSU में वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के दो सदस्य, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) से एक और बीजेपी संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से एक सदस्य हैं. JNUSU अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा, ‘हम विवाद से खुद को अलग करते हैं और मुद्दे पर जिस तरह हंगामा खड़ा किया गया है उससे हैरान हैं. इसे JNUSU की गतिविधि के तौर पर पेश किया जा रहा है. हम कार्यक्रम में लगाए गए अलोकतांत्रिक नारों की निंदा करते हैं लेकिन यह विश्वविद्यालय की छवि खराब करने और विश्वविद्यालय की लोकतांत्रिक परंपरा को रोकने का एबीवीपी का प्रपंच है.’
'भारत मां का अपमान नहीं सहेगा देश'
केंद्रीय मानव संसाधव विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, 'आज सरस्वतीजी की वंदना का दिन है. भारत मां का अपमान देश कभी सहन नहीं करेगा.'
Nation can never tolerate any insult to Mother India: Union Minister Smriti Irani on JNU campus row pic.twitter.com/HMiSI83w3Q
— ANI (@ANI_news) February 12, 2016
क्या है मामला?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मंगलवार शाम को संसद हमले में शामिल आतंकी अफजल गुरु और जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट की याद में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था. डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन से ताल्लुक रखने वाले 10 छात्रों ने अफजल गुरु की बरसी पर ये कार्यक्रम आयोजित किया था. जिसके अंत में एबीवीपी ने विरोध जताते हुए हंगामा किया और बात मारपीट तक जा पहंची. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बुलाया.