राजधानी में चल रही हड़ताल के बीच सफाई कर्मचारियों का एक समूह सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलने पहुंचा, हाथ में गुलदस्ते और फूल मालाएं लेकर पहुंचे ये कर्मचारी, हडताली कर्माचारियों के उलट सिसोदिया से बड़ी गर्मजोशी से मिले. जिंदाबाद के नारे भी लगाए और सिसोदिया को सफाई कर्मचारियों की सैलरी का पैसा रिलीज़ करने के लिए थैंक्यू भी कहा. इस पूरी तस्वीर को देखकर लगा कि दिल्ली में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है और कर्मचारी खुश हो कर सरकार को धन्यवाद कर रहे हैं. ये सच भी था, लेकिन शायद आधा. क्योंकि इस तस्वीर के बाद भी दिल्ली की सड़कों पर बिखरे कूड़े के उठने की कोई सूरत नहीं बन रही है, क्योंकि सरकार से मिलने और धन्यवाद करने जो लोग पहुंचे, दरअसल वो हड़ताली कर्मचारियों से अलग समूह से संबधित थे.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलने पहुंचे स्वतंत्र सफाई कर्मचारी संघ के लोग दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष संतलाल चंवरिया की अगुवाई में आए थे. चंवरिया के मुताबिक सरकार ने 119 करोड़ रुपए सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए दिए हैं, इसीलिए वो सरकार को शुक्रिया कहने पहुंचे हैं. चंवरिया का दावा है कि हड़ताली कर्मचारियों के वो संपर्क में है और उन्होंने दावा किया कि अब हड़ताल खत्म हो जाएगी. सिसोदिया ने इन लोगों से बात की और बताया कि दिल्ली सरकार ने फिलहाल 119 करोड़ रुपये दिए हैं और ज़रूरत पड़ेगी तो सफाई कर्मचारियों की सैलरी के लिए और भी पैसे सरकार देगी, दिल्ली की जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा.
लेकिन साथ ही सिसोदिया ने आरोप लगाया कि एमसीडी पैसा बर्बाद करती है और दिल्ली सरकार के पैसे को गटर में बहा देती है, हमें तो पता ही नहीं था कि कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल रही है, सरकार की जानकारी में मामला तब आया जब सफाई कर्माचरियों ने हड़ताल शुरु कर दी. एमसीडी बताए कि दिल्ली सरकार से मिलने वाले पैसे का वो क्या करती है, कहां खर्च करती है.
इधर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की सैलरी के पैसे के मामले पर दिल्ली सरकार लगातार गलत बयानी कर रही है और पूरा पैसा कभी रिलीज़ नहीं करती. इसी वजह से बार-बार सफाई कर्मचारियों की सैलरी रुक जाती है, मनोज तिवारी के मुताबिक दिल्ली सरकार ने एमसीडी को आर्थिक रूप से कमजोर किया है.