वायु प्रदूषण के मद्देनजर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र और राज्य की निगरानी मे दो कमेटियों का गठन करने का आदेश दिया है. ये दोनों कमेटी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कार्ययोजना बनाएगी और उनका पालन करना भी सुनिश्चित करेंगी. इसके अलावा एनजीटी ने दीवाली के बाद बढ़े हुए प्रदूषण जैसी दोबारा आने पर राज्य सरकारों को आपातकाल घोषित करने को लेकर निर्देश जारी किए हैं.
एनजीटी ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान उत्तर प्रदेश चार राज्यों को कहा है कि पीएम 10 व 2.5 का स्तर 431 व 251 के पार जा चुका है. लिहाज़ा ये पर्यावरण इमरजेंसी है. हमें तुरंत इसे कम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगें. ऐसे में चारों राज्य अपने यहां 10 साल पुराने डीजल वाहन पर रोक लगाने का विचार करें. वहीं, दिल्ली सरकार राजधानी से 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाने संबंधी आदेश का सख्ती से पालन करें. साथ ही केंद्रीय और राज्य स्तरीय कमेटी उनके वाहनों से होने वाले प्रदूषण, धूल, ठोस कचरे को लेकर अबतक जारी किये गए निर्देशों का सख्ती से पालन कराना सुनिश्चित करें.
ये है एनजीटी के दिए निर्देश
एनजीटी ने कहा कि फ़िलहाल जैसे आपात हालात जब कभी भी हो तो वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव किया जाए, खासकर उन क्षेत्रों में जहां प्रदूषण तय मानकों से अधिक हों. एनजीटी ने कहा कि प्रदूषण इमरजेंसी की हालत में सरकारें
किसानों को ऐसी मशीनों मुहैया कराए जिनसे फसलों के बाद खेतों मे बचे ठूठ को खेतों से उठाया जा सके. साथ ही उससे खाद बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाए.
एनजीटी ने कहा कि इन दिनों में सभी तरह के निर्माण कार्य, तोडफ़ोड़, निर्माण सामग्री की आवाजाही, स्टोन क्रेशर, पॉवर प्लांट, मिक्स प्लॉट, ईंट भट्टे आदि को अस्थाई रूप से बंद किया जाए. सभी राज्य अपने यहाँ सड़कों की वैक्यूम क्लीनिंग करें.
स्कूल में एयर फिल्टर पर फटकार
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को स्कूलों में अब तक एयर फिल्टर न लगाने पर फटकार लगाई और साथ ही सभी सरकारों को स्कूलों में एयर फिल्टर लगाने का आदेश दिया है. एनजीटी ने बच्चों और बुजुर्गों को निशुल्क: मास्क बांटने की मांग वाली याचिका को अस्वीकार कर दिया है. एनजीटी ने कहा कि
यह सरकारें तय करें की उन्हें मास्क देने हैं या नहीं। एनजीटी ने कहा कि मास्क क्या करेगा जब प्रदूषण का स्तर ही 20 गुणा अधिक है.
खेतों में पराली जलाने पर पंजाब से नाराजगी
पराली के खेतों मे जलाने पर किसानों को रोकने में नाकाम रखने पर एनजीटी ने चारों राज्यों को जमकर फटकार लगाई, इस मुद्दे पर एनजीटी पंजाब से खासा नाराज था. एनजीटी ने कहा कि पंजाब सरकार तुंरत ठुठ जलाने वाले किसानों को बिजली बिल, कुछ और सुविधाए पर मिलने वाली छूट बंद
करें.
कमेटी हर महीने करें बैठक
एनजीटी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्रीय कमेटी 17 नवंबर से अपना काम शुरू करें और राज्य स्तर की कमेटी 24 नवंबर से. केंद्रीय कमेटी कम से कम दो महीने में एक बार बैठक करें और राज्य कमेटी को हर महीने बैठक करने को कहा गया है. एनजीटी ने कहा कि राज्य स्तर की कमेटी अपनी
पहली बैठक में ही अपने यहां एक जिले को चुनें जहां कृषि भूमि अधिक हों, इस जिले को मॉडल जिला बनाया जाए. यहां फसल को न जलाने संबंधी एनजीटी के आदेशों का पालन करना सुनिश्चित हों. इससे पहले एनजीटी ने वायू प्रदूषण को वर्गीकृत करने व कमेटी में सचिव स्तर के अधिकारियों को
शमिल करने की बात कहीं थी.