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गेस्ट टीचर्स मामले में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को HC की फटकार

दिल्ली में इस वक्त करीब 17000 गेस्ट टीचर्स सरकारी स्कूलों में काम कर रहे हैं. ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा है कि वह LG से मिलकर इस समस्या का कोई हल निकाले और 17 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में इसके बारे में कोर्ट को सूचित करें.

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दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

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दिल्ली में गेस्ट टीचर्स के मामले पर हाई कोर्ट ने डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट आए सिसोदिया को उम्मीद थी कि अदालत दिल्ली सरकार को शायद कुछ राहत देगी लेकिन राहत तो नहीं मिली बल्कि हाईकोर्ट ने शिक्षा मंत्री को ही आड़े हाथों ले लिया.

हाईकोर्ट ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को कड़ी फ़टकार लगाते हुए कहा कि सरकार क्यों नियुक्तियों के नियमों का पालन नहीं करना चाहती? कोर्ट ने इसके पीछे सरकार का स्वार्थ जानना चाह कि वो क्यों गेस्ट टीचर्स को स्थाई करना चाहती है. कोर्ट ने कहा कि अगर टीचर्स लायक हैं तो परीक्षा पास करके भी चुनकर आ सकते हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल था कि दिल्ली सरकार क्यों उन गेस्ट टीचर्स को स्थाई करना चाहती है जो परीक्षा भी पास करने का टैलेंट नहीं रखते. हालांकि मनीष सिसोदिया ने शिक्षा मंत्री के तौर पर अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को कहा कि अगर 17 हज़ार गेस्ट टीचर्स को हटाया गया तो ये दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 60 लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगी.

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हाई कोर्ट कोर्ट ने कहा कि आपके वकील ने पहले ही कहा था कि गेस्ट टीचर्स को स्थाई टीचर्स से रिप्लेस किया जाए, नियम के मुताबिक़ गेस्ट टीचर्स को स्थाई नहीं किया जा सकता. बिना टेस्ट पास किये उन्हें स्थाई टीचर्स नहीं बनाया जा सकता. दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल था कि अगर LG और दिल्ली सरकार दोनों बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हैं तो फिर समस्या का हल क्यों नहीं खोजते.

हाल ही में LG ने दिल्ली सरकार के गेस्ट टीचर्स को स्थाई करने के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए कहा था कि स्थाई टीचर्स की भर्ती परीक्षा को पास करने के बाद ही दी जाएगी.

दिल्ली में इस वक्त करीब 17000 गेस्ट टीचर्स सरकारी स्कूलों में काम कर रहे हैं. ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा है कि वह LG से मिलकर इस समस्या का कोई हल निकाले और 17 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में इसके बारे में कोर्ट को सूचित करें. कोर्ट ने सरकार से कहा है कि किसी भी हाल में इस साल अगस्त तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्थाई टीचर्स रखे जाने अनिवार्य हैं.

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