दिल्ली सरकार को इस बात का बिल्कुल अंदाज़ा नहीं होगा कि बुधवार की दोपहर छत्रसाल स्टेडियम में जिन हजारों गेस्ट टीचर्स को उपलब्धियां गिनाने के लिए बुलाया गया है, वही सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाने लगेंगे. दरअसल पिछले कई सालों से स्थायी नौकरी, समान वेतन की मांग कर रहे गेस्ट टीचर्स का गुस्सा उस वक़्त फूट पड़ा, जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ इन वादों को पूरा करने को लेकर कोई नया ऐलान नहीं किया गया. केजरीवाल ने जैसे ही भाषण में एलजी को फाइल भेजने का ज़िक्र किया, गेस्ट टीचर्स ने अपनी सीट से उठना शुरू कर दिया. टीचर्स को जाता हुआ देख, सीएम केजरीवाल आनन फानन में अपने भाषण को ख़त्म कर स्टेडियम से रवाना हो गए.
केजरीवाल के वादों को शिक्षकों ने बताया लॉ़लीपॉप
हालांकि इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ. एक शिक्षक ने आरोप लगाया कि जब वह केजरीवाल के भाषण को वादों का लॉलीपॉप बता रहे थे, तभी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के दफ़्तर में काम करने वाले महेश नाम के शख्स ने उन्हें देख लेने की धमकी दी और वीडियो भी रिकॉर्ड किया. प्रदर्शनकारी टीचर्स का आरोप है कि मुख्यमंत्री उनसे बार-बार झूठ बोल रहे हैं. गेस्ट टीचर्स की सैलरी बढ़ाने और उनकी नौकरी पक्की करने की घोषणा काफी पहले से की जा रही है, लेकिन अब तक कुछ ठोस फैसला नहीं लिया गया.
सीएम के स्टेडियम से रवाना होने के कुछ देर बाद ही गेस्ट टीचर्स ने दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया. सिर्फ यही नहीं स्टेडियम के बाहर निकलते ही तमाम गेस्ट टीचर्स ने रिंग रोड पर कब्ज़ा कर लिया और करीब 1 घंटे तक रास्ता जाम रखा. शिक्षकों के हंगामे को काबु में करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया और भीड़ को सड़क से हटाने के लिए वाटर कैनन तक का इस्तेमाल करना पड़ा. हालांकि पुलिस को रिंग रोड से गेस्ट टीचर्स को हटाने में बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ी.
दिल्ली में हैं करीब 17 हजार गेस्ट टीचर्स
आपको बता दें कि दिल्ली में करीब 17 हजार गेस्ट टीचर्स हैं. 49 दिनों मे रही सरकार की बनने के बाद से ही गेस्ट टीचर्स आम आदमी पार्टी सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं. केजरीवाल सरकार ने गेस्ट टीचर्स को शांत करने की कोशिश तो की, लेकिन सरकार का ये दांव उलटा पड़ गया. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने छत्रसाल स्टेडियम में हुए हंगामे को बीजेपी और कांग्रेस की साज़िश बताया है.
भाषण के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने अन्य राज्यों में गेस्ट टीचर्स को मिलने वाली सैलरी गिनाते हुए बताया कि ओडिशा में गेस्ट टीचर्स को पहले 5 हजार रुपये महीना मिलता था, टीचर्स ने एक महीने अनशन किया तो राज्य सरकार ने सैलरी बढ़ाकर 7500 रुपये कर दी. यूपी में 8 हजार रुपये महीना, राजस्थान में 9 हजार रुपये, मध्य प्रदेश में 10 हजार 200 रुपये, तो बिहार में 18 हजार रुपये और हरियाणा में 21 हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलता है, लेकिन दिल्ली में अब गेस्ट टीचर्स की हर महीने की सैलरी को 34 हजार रुपये तक बढ़ा दिया है.
केजरीवाल ने आगे कहा कि 'अब गेस्ट टीचर्स को दिन या घंटे नहीं, बल्कि हर महीने के हिसाब से सैलरी दी जाएगी और उन्हें रेगुलर टीचर्स की तरह छुट्टियां भी मिलेंगी. आज यह सब ऐलान कर पाने के लिए हमें व्यवस्था से बहुत लड़ना पड़ा है. यह प्रस्ताव कैबिनेट से पास हो गया है और एलजी साहब को भेजा गया है. मुझे उम्मीद है कि एलजी साहब शिक्षकों के भविष्य से जुड़े फैसले पर हामी भरेंगे. आख़िर में केजरीवाल ने कहा कि गेस्ट टीचर्स को पक्का करने का काम दिल्ली सरकार जल्द से जल्द पूरा कर लेगी.'
...और भाषण के आखिर में केजरीवाल की कही ये बात पूरे हंगामे की एक बड़ी वजह बन गई.