दिल्ली सरकार की अधूरी घोषणाओं से नाराज गेस्ट टीचर्स आने वाले रविवार यानी 13 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइन्स स्थित आवास पर प्रदर्शन कर रोष व्यक्त करेंगे. गेस्ट टीचर्स का आरोप है कि दिल्ली सरकार पिछले दो साल से गेस्ट टीचर्स से झूठ बोलती आ रही है और मीडिया में प्रचार पाने के लिए घोषणाएं करती है लेकिन धरातल पर सब झूठ साबित हुआ है.
पहले भी किया था प्रदर्शन
गेस्ट टीचर एसोसिएशन का कहना है विगत 31 जुलाई को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर खाली थाली सत्याग्रह कर विरोध प्रदर्शन किया गया था. उस वक्त दो महीने में सैलरी फिक्स करने का भरोसा दिया था, लेकिन दो महीने बीत जाने पर भी दिल्ली सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया तो 1 अक्टूबर को फिर से स्कूलों का बहिष्कार कर जंतर मंतर पर आंदोलन किया गया था.
दिल्ली सरकार ने फिर दिया झूठा दिलासा
आंदोलन के दौरान दिल्ली सरकार ने मीडिया के सामने गेस्ट टीचर्स को दीवाली का तोहफा देते हुए वेतन को दोगुना करते हए फिक्स करने की घोषणा की और जल्द ही कैबिनेट में पास करने का भरोसा दिया था लेकिन 22 अक्टूबर को कैबिनेट के मीटिंग में प्रस्ताव को वापस भेज दिया और उसके बाद आज तक कोई लिखित आदेश नहीं भेजा है.
स्कूल बंद होने से कटी टीचरों की सैलरी
गेस्ट टीचरों ने बताया कि केजरीवाल सरकार का दीपावली का तोहफा तो आज तक नहीं मिला बल्कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण विद्यालयों में तीन दिन अवकाश घोषित होने के कारण 17000 गेस्ट टीचरों को तीन दिन की सैलरी से हाथ धोना पड़ा हैं.
सरकार के झूठे वादों के खिलाफ प्रदर्शन
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पूर्व गेस्ट टीचर्स को पक्का करने व वेतन फिक्स करने का वादा किया था जिसे लेकर गेस्ट टीचर्स आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली सरकार ने कमेटी गठित कर सैलरी फिक्स करने का भरोसा दिया था, लेकिन अभी भी ये घोषणा अधूरी है. यही वजह है दिल्ली सरकार के अधूरे वादों और आश्वासनों से दुखी होकर रविवार को केजरीवाल के आवास पर आंदोलन करेंगे.