दिल्ली की राजनीति इस समय उबल रही है. यहां सत्ता हस्तांतरण हो रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा देंगे. उपराज्यपाल से वह कल शाम को मिलेंगे और फिर अपना इस्तीफा सौंपेंगे. इस बीच मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे आतिशी का नाम चल रहा है, लेकिन लिस्ट में गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज और कैलाश गहलोत का भी नाम सामने आ रहा है. हल्ला बोल में इस सिसिले में कई पहलुओं पर चर्चा हुई.
मुख्यमंत्री केजरीवाल के इस्तीफा देने का फैसला कोर्ट की शर्तों पर भी निर्भर करता है, जिसमें उनके ऑफिस जाने और फाइलों पर दस्तखत करने पर रोक लगाई गई है. सीएम केजरीवाल पर लगे आरोपों के बाद बीजेपी लगातार उनका इस्तीफा मांग रही थी, लेकिन अब जब वह इस्तीफा देने जा रहे हैं तो बीजेपी इसमें साजिश देख रही है.
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अरविंद केजरीवाल क्यों दे रहे इस्तीफा?
पहली संभावना: एक सवाल के जवाब में कि अब बीजेपी को क्या परेशानी है? पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने तीन संभावनाएं बताईं और कहा, "समस्या हमारे अंदर नहीं बल्कि समस्या केजरीवाल को समझ आ गई है. वह पहले ऐसे सीएम हैं जिनपर बोलने, लिखने और कार्यालय जाने पर रोक लगा है." उन्होंने पहली संभावना के तौर पर कहा, "उन्हें (केजरीवाल को) लगा कि इस पर राष्ट्रपति शासन लग सकता है और वह इसी लिए इस्तीफा दे रहे हैं."
दूसरी संभावना: सुधांशु त्रिवेदी ने दूसरी संभावना के तौर पर कहा, "अरविंद केजरीवाल को लग गया है कि अगर उनकी जगह कोई और सीएम बनता है तो उन्हें कब निपटा दिया जाएगा, और यही वजह है कि वह इंश्योर करना चाहते हैं और अपना इस्तीफा दे रहे हैं, ताकि वह सीएम कार्यवाहक ही रहें, ताकि उनके हाथ में वास्तविक पावर न रहे."
तीसरी संभावना: सुधांशु त्रिवेदी ने तीसरी संभावना के बारे में बताया कि अब ठंड आ रही है, और उन्हें दस साल हो गए हैं लेकिन अव्यवस्था, पराली की समस्या और प्रदूषण पर उनके पास तर्कसंगत जवाब देने के लिए कुछ नहीं है और वह चाह रहे हैं कि पहले इन परिस्थितियों से निपट लें." उन्होंने कहा, "आज की डेट में नैतिकता का तकाजा नहीं है, बल्किन उनकी आवश्यकता की मजबूरी है, और ये कि वह इस समय अपना नाइट वॉचमैन ढूंढ रहे हैं, जो टेस्ट क्रिकेट में होता था."