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फ्री मेट्रो राइड केंद्रीय मंत्री ने बताया जुमला तो AAP ने किया पलटवार

शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लोगों को कन्फ्यूज़ किया है, क्योंकि आप इस तरह की स्कीम नहीं लाते हैं. ऐसे किसी ऐलान से पहले केंद्र सरकार से बात करना जरूरी थी.

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केजरीवाल की स्कीम को केंद्र से झटका?
केजरीवाल की स्कीम को केंद्र से झटका?

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों राजधानी में महिलाओं के लिए बड़ी सौगात का ऐलान किया. उन्होंने वादा किया था कि दिल्ली में महिलाओं को मेट्रो और बस में सफर करने के लिए एक पैसा भी नहीं देना होगा. लेकिन केंद्र सरकार को लगता है कि ऐसा संभव नहीं है. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने गुरुवार को कहा कि इस तरह की योजना लागू होना संभव नहीं लगता है. हरदीप पुरी बोले कि अरविंद केजरीवाल के पास किसी तरह का प्लान नहीं है. ये स्कीम सिर्फ एक तरह का जुमला ही है.

केंद्रीय मंत्री के जवाब में दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि अगर केंद्र इस योजना को रोकता है तो ये फैसला लोगों के खिलाफ जाएगा. हम लगातार DMRC से बात कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री को अरविंद केजरीवाल को लेकर इन शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए था.

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शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लोगों को कन्फ्यूज़ किया है, क्योंकि आप इस तरह की स्कीम नहीं लाते हैं. ऐसे किसी ऐलान से पहले केंद्र सरकार से बात करना जरूरी थी. उन्होंने कहा कि अभी तक दिल्ली मेट्रो को फ्री मेट्रो वाली स्कीम से जुड़ा कोई प्रस्ताव पास नहीं हुआ है.

केंद्रीय मंत्री बोले कि दिल्ली सरकार पहले ही कर्ज में है और उनके पास फंड की कमी है. ऐसे में मुझे समझ नहीं आ रहा है कि केजरीवाल जी किस तरह ऐसी स्कीम का ऐलान कर रहे हैं. हरदीप पुरी ने कहा कि उनकी ये स्कीम संभव नहीं लगती है.

आपको बता दें कि हरदीप सिंह पुरी मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्री हैं. दिल्ली मेट्रो केंद्र सरकार के अंतर्गत ही काम करती है. ऐसे में उनका ये बयान दिल्ली सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है.

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस इस स्कीम का ऐलान किया था. उनके अनुसार वह जल्द ही इस पर पूरा प्लान तैयार करेंगे और दो से तीन महीने में इसे लागू करेंगे.

अरविंद केजरीवाल का दावा है कि उनकी सरकार ये कदम महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठा रही है और ये ऐतिहासिक कदम है. उनके मुताबिक, इस पर करीब 800 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा, जिसका वहन दिल्ली सरकार अपनी जेब से करेगी.

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