कुर्मी और गुर्जर जैसी जातियों को अपने आंदोलन में शामिल करने की बात कहने वाले पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को रविवार को विरोध का सामना करना पड़ा. मौका उनके लिए ही आयोजित एक सम्मान समारोह का था, जहां गुर्जरों के एक तबके ने 22 वर्षीय नेता का विरोध किया.
कार्यक्रम के दौरान हार्दिक ने जैसे ही अपना संबोधन शुरू किया, एक गुर्जर नेता राजेंद्र मावी ने बाधा डाली और हार्दिक पर आरोप लगाया कि वह जाट आरक्षण को अपना समर्थन विस्तारित कर रहे हैं. मावी ने खुद को अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ का अध्यक्ष बताया.
बाहर निकाले गए मावी
कुछ समय की धक्कामुक्की के बाद आयोजकों ने मावी को आयोजन स्थल से बाहर निकाल दिया. इसके बाद मावी ने कहा, 'हम उनके (हार्दिक) खिलाफ हैं. जब वह जाट आरक्षण की मांग का भी समर्थन कर रहे हैं तो हम उनका समर्थन कैसे कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि गुर्जरों सहित ओबीसी समुदायों की विभिन्न याचिकाओं पर अदालतों द्वारा जाट आरक्षण को खारिज कर दिए जाने के बावजूद हार्दिक जाट आरक्षण का समर्थन कर रहे हैं.
मावी ने आगे कहा कि पटेलों के राजनीतिक दबदबे के मद्देनजर उन्हें गुजरात सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से अपनी मांगों पर बात करनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि हार्दिक के पीछे कोई ताकत है और उन्होंने गुर्जरों से इसलिए संपर्क किया क्योंकि वह जानते हैं कि गुर्जर एक दिलेर समुदाय है और उसके समर्थन से उन्हें पटेल आरक्षण की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने में मदद मिलेगी.
'दो नावों की सवारी कर रहे हैं हार्दिक'
इस बीच, गुर्जर नेता और ओबीसी आरक्षण रक्षा समिति के अध्यक्ष ओमवीर सिंह मंदारा ने कहा कि हार्दिक का गुर्जर इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि यदि पटेलों को आरक्षण दिया जाता है तो यह 27 फीसदी ओबीसी कोटे में ही व्यवस्थित किया जाएगा. एक अन्य गुर्जर नेता धर्मेंद्र भगत ने आरोप लगाया, 'हार्दिक जाटों और गुर्जरों का एक साथ सहारा लेकर दो नावों में सवार होने की कोशिश कर रहे हैं. हमने जाट आरक्षण का विरोध किया था और यदि वह जाट आरक्षण की बात करते हैं तो हम उनका समर्थन नहीं कर सकते.'
हार्दिक का कोटला गांव स्थित गुर्जर भवन में सम्मान किया गया. इस समारोह में विभिन्न गुर्जर संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.