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दिल्ली हिंसाः सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद, 12 मार्च को सुनवाई करेगा HC

दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में नेताओं की हेट स्पीच में एफआईआर दर्ज करने की मांग और दंगा पीड़ितों को सरकारी मदद मुहैया कराने की मांग संबंधी याचिकाएं शामिल हैं.

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दिल्ली हिंसा संबंधी सभी मामलों की सुनवाई एक साथ होगी
दिल्ली हिंसा संबंधी सभी मामलों की सुनवाई एक साथ होगी

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  • दिल्ली हिंसा के सभी मामलों की सुनवाई एक साथ
  • सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद हाई कोर्ट में सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा मामले की सुनवाई 12 मार्च को करेगा. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 12 मार्च तक का समय दिया है. केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा था.

सुप्रीम कोर्ट के जल्द सुनवाई के आग्रह पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई की. पहले इन याचिकाओं पर अप्रैल में सुनवाई होनी थी, लेकिन अब अगले हफ्ते सुनवाई होगी. हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 12 मार्च की तारीख तय की है. इन याचिकाओं में नेताओं की हेट स्पीच में एफआईआर दर्ज करने की मांग और दंगा पीड़ितों को सरकारी मदद मुहैया कराने की मांग संबंधी याचिकाएं शामिल हैं.

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असल में, हाई कोर्ट में वृंदा करात के वकील ने कहा कि हमने निचली अदालत में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा के खिलाफ याचिका दाखिल की है. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि अब ये मामला भी हमारे पास ही है. दूसरी याचिकाओं को भी एक साथ जोड़कर इस मामले में सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ताओं ने हिंसा पीड़ितों के लिए मदद मुहैया कराने के लिए एक जनहित याचिका भी दाखिल की है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बारिश की वजह से राहत शिविरों में पानी भर गया है. पीड़ितों को फौरन मदद पहुंचाए जाने की जरूरत है.

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इस बीच, दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में बताया कि इदगाह में राहत शिविर बनाए जाने की कोशिश की जा रही है. राहत शिविर स्थापित करने में दिल्ली पुलिस की तरफ से मदद किए जाने की मांग पर दिल्ली सरकार ने कोर्ट में यह बात कही. हाई कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पुलिस पूरी तरह से सहायता कर रही है. दिल्ली सरकार के आरोप गलत हैं.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विवाद के एक सौहार्द्रपूर्ण समाधान की संभावना तलाशने के लिए दिल्ली हिंसा के पीड़ितों की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था. इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली हिंसा मामले पर सुनवाई में देरी उचित नहीं है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को हाईकोर्ट से इस मामले को प्राथमिकता के साथ सूचीबद्ध करने के लिए भी कहा था.

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