राजधानी दिल्ली डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की चपेट में है, इसलिए डेंगू से जुड़ी हुई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने AAP सरकार से पूछा है कि डेंगू से लड़ने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में डेंगू से दो मौत होने और डेंगू-चिकनगुनिया के एक हजार से ज्यादा मामले सामने आने पर केजरीवाल सरकार से बीमारियों से लड़ने को लेकर तैयारियों पर सवाल किया है. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो एक रिपोर्ट पेश करे और बताएं कि उन्होंने क्या-क्या कदम उठाए हैं . हाई कोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि पिछले साल सरकार ने इस मामले मे भरोसा दिलाया था, लेकिन फिर भी इस बार बीमारी को इस साल भी नियंत्रित नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि क्या कानूनी कदम इस दिशा में सरकार ने उठाए हैं, उनके बारे में 13 सितम्बर को होने वाली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश की जाए.
इस मामले में याचिकाकर्ता वकील शाहिद अली ने बताया कि पिछले साल दायर किए गए हलफनामे में सरकार ने बताया था कि दिल्ली के तमाम सरकारी अस्पताल और चिकित्सा संस्थान के लिए स्वास्थ्य के लिए निर्धारित पैमाने न मानने के संबंध में कानून बनाने जा रहे हैं. लेकिन अबतक ऐसा कुछ नहीं किया गया. इस मामले में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि संबंधित अधिकारी डेंगू जैसी बीमारी को काबू करने के लिए जिम्मेदाराना तरीके से काम नहीं कर रहे हैं. वहीं सिविक एजेंसी और उनके स्वास्थ्य विभाग डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया को काबू करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं.
दक्षिण दिल्ली नगर निगम की तरफ से दायर हलफनामे में बताया गया कि 502 केस डेंगू के, 560 केस चिकनगुनिया के सामने आए हैं. जबकि डेंगू से दो लोगों की मौत हो गई है. उनके इलाके में तीन सितंबर तक डेंगू के 138 केस, 63 चिकनगुनिया केस के सामने आए हैं, डेंगू से मरने वाले दोनों मामले भी उनके इलाके के ही हैं. इस मामले में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस साल डेंगू के बहुत मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इस बीमारी को नियंत्रित करेन के लिए सरकारी अधिकारी ठोस कदम नहीं उठा पा रहे हैं.