ऑड-ईवन पर आज गुरुवार को होने वाली एनजीटी की सुनवाई पर दिल्ली सरकार के साथ साथ चार और राज्यों की सरकारों की निगाहें भी रहेगी. अपनी रिव्यू पिटीशन मे दिल्ली सरकार ने एनजीटी को कहा है कि वह बाकी और राज्यों में भी ऑड-इवन लागू करने का आदेश दे. इसमें दिल्ली से लगे राज्य पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार को ऑड-ईवन शर्तों के साथ लागू करने आदेश देने वाली एनजीटी क्या और राज्यों को ऑड-इवन लागू करने का आदेश देगी, ये बड़ा सवाल है?
दिल्ली मे टू व्हीलर्स और महिलाओं को ऑड-ईवन के दौरान किसी भी तरह की कोई छूट देने को लेकर एनजीटी पहले ही मना कर चुका है. फिर भी अपने रिव्यू पिटीशन में दिल्ली सरकार ने कुछ आंकड़े देते हुए बताया है कि करीब 68 लाख टू व्हीलर्स दिल्ली में है. इसमें से ऑड-इवन के दौरान करीब 25 लाख टू व्हीलर्स दिल्ली की सड़कों पर होंगे. अगर इनको ऑड-इवन से नहीं हटाया जाए तो दिल्ली को करीब 2500 नई बसों की जरूरत है, जो अभी फिलहाल सरकार के पास नहीं है.
इसके अलावा महिलाओं को ऑड-इवन में छूट देने पर भी दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है ऑड-इवन के दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट पहले ही भीड़-भाड़ वाला होता है. ऐसे में अगर महिलाओं को भी शामिल किया जाए तो ये सफ़र उनके लिए बेहद तकलीफदेह सफर साबित होगा.
अपने रिव्यू पिटीशन में दिल्ली सरकार ने एनजीटी को यह भी कहा है कि फिलहाल महिलाओं और टू व्हीलर को तब तक दूर रखा जाए जब तक कि दिल्ली सरकार 2000 नई बसों का इंतजाम ना कर ले और इसके लिए सरकार को करीब 1 साल के वक्त की जरूरत है. देखना होगा कि पहले ही टू व्हीलर्स और महिलाओं को लेकर किसी भी रियायत को मना कर चुकी एनजीटी दिल्ली सरकार की इस रिव्यू पिटीशन पर कोई राहत देती है या नहीं?