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दिल्ली NCR में भूकंप के तेज झटके, काफी देर तक हिलती रही धरती, तीव्रता 6.2

दिल्ली-NCR सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. मंगलवार की दोपहर एक के बाद एक दो बार भूकंप के तेज झटके आए. पहला झटका 4.6 तीव्रता का था तो वहीं दूसरा झटका 6.2 तीव्रता का था. दूसरे भूकंप का झटका इतना तेज था कि लोग घरों से निकलकर बाहर आ गए.

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दिल्ली-NCR में भूकंप के झटकों के बाद दफ्तर से बाहर आए लोग.
दिल्ली-NCR में भूकंप के झटकों के बाद दफ्तर से बाहर आए लोग.

दिल्ली-NCR सहित पूरे उत्तर भारत में मंगलवार की दोपहर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के कारण काफी देर तक झटके लगते रहे. भूकंप की तीव्रता इतनी जोरदार थी कि घर और दफ्तरों से निकलकर लोग तुरंत ही सड़कों पर आ गए. बताया जा रहा है कि भूकंप का केद्र नेपाल में था.

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बता दें कि भूकंप के झटके आधे घंटे के अंतर से दो बार महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि दिल्ली से उत्तराखंड पूरे उत्तर भारत में धरती कांप गई. उत्तराखंड के खटीमा तक में लोगों ने झटके महसूस किए.

नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर के मुताबिक भूकंप के झटके दो बार आए. पहला झटका दोपहर 2.25 बजे आया, जिसकी तीव्रता 4.6 थी. इसके करीब आधे घंटे बाद दोपहर 2.51 बजे भूकंप का एक और झटका आया, जिसकी तीव्रता 6.2 थी. भूकंप के इस झटके ने ही लोगों को अपने घरों से बाहर भागने के लिए मजबूर कर दिया. 

धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.

क्यों आता है भूकंप

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जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्‍या हो सकता है असर:

- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.

- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.

- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.

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- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.

- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.

- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.

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