अंडर पास में फंसी कार, टायर तक भरे पानी से गुजरती बस, कमर तक पानी से निकलते लोग तो कहीं गलियों में चलती नाव... मानसून की पहली बारिश ने ही दिल्ली में व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी. जगह-जगह से बद्तर हालातों की तस्वीरें सामने आने लगीं. यमुना नदी के किनारों पर बसे इलाकों पर तो नाव तक चलानी पड़ी.
मिंटो रोड, मुनारिका, ओखला और आजादपुर अंडरपास सहित दिल्ली के कई इलाकों से ऐसी तस्वीरें सामने आईं. जिन्हें देशभर में देखा गया. टीवी पर प्रसारित होने के बाद यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हुईं, जिसके बाद दिल्ली-NCR में रहने वाले लोगों के पास दूर-दूर से उनके परिवार और परिजनों के फोन आने का सिलसिला शुरू हो गया.
ऐसा नहीं है कि हाल-फिलहाल में हुई बारिश से पूरी या आधी दिल्ली में जगह-जगह पानी भर गया है. लेकिन कुछ ऐसे 'गड्ढे' हैं, जहां से हर बार की तरह इस बार भी डराने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. तो आइए जानते हैं दिल्ली के उन पांच 'गड्ढों' के बारे में, जहां से हर बार बारिश के सीजन में जलभराव की फोटो सामने आती हैं.
1. मिंटो रोड अंडरपास
दिल्ली के वीवीआईपी इलाके कनॉट प्लेस (CP) से बेहद नजदीक विवेकानंद रोड पर मिंटो रोड अंडरपास है. इसका नाम बदलकर शिवाजी ब्रिज कर दिया गया है. बता दें कि मिंटो रोड (अब विवेकानंद रोड) कनॉट प्लेस को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और पुरानी दिल्ली के अजमेरी गेट से जोड़ती है. इस अंडरपास के नीचे जलभराव की तस्वीरें काफी सुर्खियां बटोरती हैं. 2018 में मानसून की पहली बारिश के बाद यहां काफी ज्यादा पानी भर गया. उस समय एक फोटो देशभर में चर्चा का विषय बनी, जिसमें एक बस आधी डूबने के बाद अंडरपास के बीचोंबीच फंस गई थी. हालांकि, इस बार पानी के निकासी की बेहतर व्यवस्था करने के कारण वैसे हालात नहीं बने. लेकिन तब भी 8 जुलाई की बारिश के बाद अंडरपास को अस्थाई तौर पर बंद करना पड़ा.
2. ओखला अंडरपास
मिंटो रोड अंडरपास के बाद दिल्ली में जलभराव की सबसे ज्यादा परेशानी ओखला अंडरपास में भी देखी जाती है. हैरानी की बात तो यह है कि सरिता विहार का यह इलाका साउथ दिल्ली के पॉश इलाकों में शामिल है. लगातार बारिश होने पर यहां काफी पानी भर जाता है और यहां से वाहन बमुश्किल निकल पाते हैं. कभी-कभी तो हालत ऐसे हो जाते हैं कि लोगों को अपनी गाड़ियां वापस ही लेनी पड़ती है. इसके पास में ही अपोलो अस्पताल भी है.
3. मुनिरका
कभी दिल्ली के गांवों में शुमार मुनिरका की गिनती अब दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाकों में होती है. इस इलाके के पास ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली परिसर स्थित है. लेकिन यहां भी ज्यादा बारिश होने पर सड़कें 'तालाब' बन जाती हैं.
4. यमुना बाजार
दिल्ली के निचले इलाकों में शामिल यमुना बाजार में भी बारिश के दौरान जलभराव की समस्या काफी ज्यादा होती है. दरअसल, यह इलाका यमुना नदी के किनारे पर स्थित है. इसलिए जैसे ही हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है. इस इलाके में बाढ़ की समस्या शुरू हो जाती है. भारी बरसात होने पर इस निचले इलाके में रहने वाले लोगों को अक्सर सुरक्षित इलाकों में शिफ्ट किया जाता है. इस बार भी यमुना बैंक के पास निचले इलाकों से 7350 लोगों को निकाला गया है.
5. प्रगति मैदान टनल
दिल्ली के रिंग रोड, मथुरा रोड और भैरों मार्ग पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती थी, इससे निपटने के लिए सरकार ने जून 2022 में प्रगति मैदान टनल का शुभारंभ किया था. इस टनल के चालू होने के बाद ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार तो हो गया, लेकिन मानसून की पहली बारिश ने ही इसमें जल निकासी के लिए की गई व्यवस्थाओं की पोल खोल दी. हाल ही में हुई बारिश के बाद इस टनल में पानी भर गया, जिसके बाद एहतियात के तौर पर इस टनल से आवागमन बंद कर दिया गया.