दिल्ली में ईस्ट एमसीडी के स्कूलों के करीब दो लाख बच्चों को कॉपी-किताब और पढ़ाई का सामान अभी तक न मिलने पर हाई कोर्ट ने अपनी सख्त नाराजगी जाहिर की है. नाराज कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न तब तक एमसीडी के अफसरों की तनख्वाह रोक दी जाए, जब तक बच्चों को पढ़ाई का सामान न मिल रहा हो.
1 अप्रैल तक बच्चों को मिल जाना चाहिए था सामान
कोर्ट को ये सख्त टिप्पणी इसलिए करनी पड़ी क्योंकि जो कॉपी-किताबें और पढ़ाई का सामान एक अप्रैल या इससे पहले बच्चों को मिल जाना चाहिए था वो लगभग आधा सेशन बीतने के बाद
भी नहीं मिल पाया है. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी इस मामले में जवाब-तलब किया है.
EDMC और दिल्ली सरकार को HC का नोटिस
हाई कोर्ट ने इस मामले में EDMC और दिल्ली सरकार को नोटिस देकर 11 अगस्त तक जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली सरकार अपने कर्तव्यों को पूरा करने
में नाकाम रही है. कोर्ट ने EDMC को कहा है कि वो 11 अगस्त को होने वाली सुनवाई से पहले कुछ अस्थाई इंतजाम इन बच्चों के लिए करे, ताकि उनका कीमती वक्त और पढाई बर्बाद न
हो.
नहीं हो रहा है राईट टू एजुकेशन एक्ट के रूल 8 का पालन
दरसअल राईट टू एजुकेशन एक्ट के रूल 8 के अंतर्गत सरकारी स्कूल मे पढ़ने वाले छात्रों को सरकार और MCD पढ़ने-लिखने के लिए मुफ्त कॉपी-किताबें और पढ़ाई के सामान उपलब्ध कराती है.
नर्सरी से 8वीं तक के छात्रों को यह सुविधा उपलब्ध कराना काफी जरूरी है.
सरकार और MCD की तनातनी का बच्चों पर असर
दिल्ली में केजरीवाल सरकार आने के बाद MCD और सरकार में फंड को लेकर तनातनी जारी है. इसको लेकर MCD कर्मचारी कई बार हड़ताल पर भी जा चुके हैं. अब इसका खामियाजा बच्चों
को भी भुगतना पड़ रहा है. ये हाल तब है जब खुद दिल्ली सरकार ये दावा कर रही है कि वो सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर कामयाब बनाना चाहती है.