दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि जिन कोरोना मरीजों की जान ऑक्सीजन की कमी की वजह से गई है, उनके परिवारों को मुआवजा देने के लिए क्या कोई पॉलिसी बनाई जा सकती है? हाईकोर्ट ने इसके लिए सरकारों को कोई नोटिस तो जारी नहीं किया है, लेकिन इतना कहा है कि सरकारों को इस पर विचार करना चाहिए.
दरअसल, हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है. इसमें ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले कोरोना मरीजों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की गई है.
ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से दिल्ली में कोरोना से हुई मौत को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में मुआवजा देने को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका की गईं है. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि क्या मुआवजा देने के लिए कोई पॉलिसी बनाई जा सकती है?
याचिका में मांग की गई है कि अस्पतालों या फिर होम आइसोलेशन के दौरन जिन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण हुई है, सरकार की तरफ से उन लोगों के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए.
अप्रैल और मई के दौरान दिल्ली में ऑक्सीजन की बेहद किल्लत थी. हालात इतने खराब थे कि खुद अस्पतालों को कोर्ट में अर्जेंट पिटीशन लगाकर ऑक्सीजन दिलवाने की मांग की जाती थी. कई अस्पतालों ने कोर्ट को बताया भी की ऑक्सीजन खत्म होने से उनके यहां कोरोना के कई मरीजों की मौत हो गई है.
दिल्ली में पिछले दिनों ऑक्सीजन की इतनी कमी थी कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी के मामले भी बड़ी संख्या में सामने आए थे. जिसमें कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. इतना ही नहीं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक की कालाबाजारी के मामले सामने आए, जिसमें हाल ही में नवनीत कालरा की भी पुलिस ने गिरफ्तारी की है.
हालांकि ऑक्सीजन की कमी से अभी तक दिल्ली में कुल कितने लोगो की मौत हुई है, इसको लेकर सरकार की तरफ से कोई आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में सरकार ऐसे लोगों के परिवार को मुआवजा देने में कितनी रुचि रखती है. ये तो सरकार के प्रेजेंटेशन के बाद ही साफ होगा.