राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में तीन सदस्यों की नियुक्ति के मामले पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट में ये जनहित याचिका वकील राधाकांत त्रिपाठी ने दायर की.
याचिका में कहा गया है कि बाल अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार आयोग में छह सदस्य और एक चेयरमैन होना चाहिए. फिलहाल यहां तीन सदस्य और एक चेयरमैन है. जबकि तीन सदस्यों के पद खाली हैं. याचिका में दावा किया गया है कि सालों से यह सदस्य नहीं रखें गए हैं. ये संविधान के अनुच्छेद 14, समानता के अधिकार का सीधा उल्लंघन है. जबकि नियम यह है कि पद खाली होने के तीन महीने के भीतर उन्हें फिर से भरा जाना चाहिए. आयोग 2007 से अस्तित्व में है जिसका काम पूरे देश में बाल अधिकारों पर नजर बनाए रखता है.
यह बच्चों की शिक्षा, भोजन, शारीरिक शोषण आदि विषयों पर काम करता है. याचिका में कहा गया है कि आयोग में पूरे सदस्यों के न रखे जाने से वहां का काम प्रभावित हो रहा है. ऐसे में हाईकोर्ट तुरंत तीन सदस्यों को रखने का आदेश जारी करे.