दिल्ली के छात्रों को दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन में वरीयता देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली यूनिवर्सिटी को हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि दूसरे राज्यों से आए छात्रों को डीयू में एडमिशन आसानी से मिल जाता है, जबकि दिल्ली के छात्र वंचित रह जाते हैं, उन्हें डीयू में एडमिशन के लिए बाहर के राज्यों से ज्यादा वरीयता मिलनी चाहिए. दिल्ली के छात्रों को दिल्ली के ही कॉलेजों में एडमिशन से वंचित रहना पड़ता है.
दिल्ली के छात्रों को दी जाए वरीयता
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के सभी कॉलेजों को दिल्ली सरकार से आर्थिक मदद मिलती है और ये आर्थिक मदद सरकार दिल्ली के ही टैक्स अदा करने वाले लोगों से
इकट्टा हुए पैसे से करती है. लिहाजा इन कॉलेजों मे एडमिशन में वरीयता भी दिल्ली के ही छात्रों को मिलनी चाहिए.
प्रतिशत के आधार एडमिशन पर विचार
याचिका में कहा गया है कि श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स जैसी जगहों पर 75 से 80 फीसदी एडमिशन दिल्ली से बाहर के छात्रों को मिल रहा है. दिल्ली के स्कूलों से निकले
छात्रों के पास विकल्प बहुत कम रह जाते हैं. याचिका में तर्क दिया गया है कि शिक्षा को लेकर दिल्ली के बोर्ड बाकी राज्यों के बोर्ड से अलग हैं. लिहाजा सिर्फ प्रतिशत के
आधार पर एडमिशन की पद्धति पर दोबारा विचार करने की जरूरत है.
20 जुलाई को होगी मामले क अगली सुनवाई
इस पर अगली सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने 20 जुलाई की तारीख दी है. इस बीच केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय का इस मामले में कोर्ट में क्या
जवाब आता है, ये बेहद अहम होगा क्योंकि इसी से तय होगा कि कोर्ट में होने वाली सुनवाई की दिशा क्या होगी.