मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पटियाला हाउस कोर्ट में उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को हटाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को केजरीवाल की इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस देकर जवाब मांगा है.
हाई कोर्ट में अगली सुनवाई मे अरुण जेटली को स्पष्ट करना होगा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने के पक्ष में हैं या नहीं. पटियाला हाउस कोर्ट ने अभियोग तय करते हुए टिप्पणियां की थीं. हाई कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को करेगा.
जेटली ने कोर्ट में डाले गए मानहानि मामले में आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री समेत आप नेता आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी ने डीडीसीए मामले में मीडिया में बयान देकर उन्हें लगातार बदनाम किया. उनके खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की गई. बेवजह उनके परिवार को भी घसीटा गया. जेटली ने हाई कोर्ट में भी इन सभी के खिलाफ 10 करोड़ रुपये के मुआवजे को लेकर सिविल मानहानि मामला दायर किया हुआ है. जिसमें केजरीवाल की पैरवी करने के लिए खुद राम जेठमलानी आए थे.
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट मुख्यमंत्री और बाकी के आप नेताओं ने आवेदन दायर कर जेटली की याचिका खारिज करने का आग्रह किया था. लेकिन कोर्ट ने उनके आवेदन को 30 जनवरी को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मामले की सुनवाई जिस स्टेज पर है अब ऐसे में आरोपियों को सुनने का कोई आधार नहीं है. याचिकाकर्ता ने दुर्भवनापूर्ण तरीके से सुनवाई टालने के मकसद से इसे दायर किया है. इसके अलावा कोर्ट ने केजरीवाल के उस आवेदन को भी खारिज कर दिया था कि उन्होंने जेटली को बदनाम करने के लिए कोई टिप्पणी नहीं की थी.
केजरीवाल की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि कोर्ट के द्वारा की गई इन आपत्तिजनक टिप्पणयों का समाचार पत्रों और सोशल मीडिया ने अलग निष्कर्ष निकाला था. कोर्ट ने केजरीवाल के वकील को अगली सुनवाई के दौरान मीडिया कवरेज से जुड़े सभी दस्तावेज 22 मई तक पेश करने का निर्देश दिया है.