दिल्ली हाई कोर्ट ने गर्मियों में राष्ट्रीय राजधानी में संभावित जल संकट को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही याचिका दायर करने वालों प्रोफेसर को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने पूछा कि हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से पर्याप्त पानी की आपूर्ति करने का निर्देश देने की मांग आप कैसे कर सकते हैं जबकि इन राज्यों के पास अपना जल विभाग है.
दरअसल, याचिककर्ता ने हिमाचल प्रदेश के लिए सीधे तौर पर पश्चिमी यमुना नहर के माध्यम से पानी छोड़ने के MOU के आधार पर और हरियाणा को यह पानी दिल्ली तक पहुंचाने के लिए निर्देशित करने मांग की थी.
वहीं, मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान में जनहित के नाम पर बहुत याचिकाएं ऐसी दायर हो रही हैं जिनका मकसद मात्र ब्लैकमेलिंग है. कोर्ट ने पूछा कि आपके पास क्या दिल्ली की जिम्मेदारी है?
कोर्ट के रवैये को देख याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की मंजूरी मांगी. कोर्ट ने स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि यही आपके हित में होगा. कोर्ट ने याचिका वापस ली मानते हुए उसे खारिज कर दिया.