स्ट्रीट वेंडर्स लेकर हाई कोर्ट ने NDMC के रवैये पर सवाल उठा दिए हैं. हाई कोर्ट ने कहा आप सर्वे कैसे कर सकती है जब तक कि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के प्रावधान के खिलाफ़ हो. NDMC का तर्क है कि दिल्ली की बाकी MCD की तुलना में NDMC का इलाका अलग है. लिहाज़ा यहाँ पर सर्वे पूरा करने की कोर्ट इजाज़त दे दे क्योंकि इससे ही ये साफ़ होगा कि वहां के असली स्ट्रीट वेंडर्स कौन है. NDMC का तर्क था कि एक दिल्ली मुंबई जैसे शहरों मे स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक से ज्यादा स्कीम हो सकती है लेकिन कोर्ट NDMC से संतुष्ट नहीं था.
कोर्ट ने कहा कि हमारे अगले आदेश का इंतज़ार करें. सर्वे 90 फीसदी हुआ है या फिर 80 फ़ीसदी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. स्ट्रीट वेंडर्स के लिए स्कीम बनी है जब तक सरकार उसे लागू नहीं करती है तब तक उनको कैसे सर्वे करके उनको हटा सकती है. आपने टाउन वेंडिंग कमेटी क्यों बनायीं जब स्कीम ही अभी तक लागू नहीं हो पाई है.
एक्ट सिर्फ वेंडिंग जोन की बात करता है. हाई कोर्ट ने ये भी पूछा कि आखिर नो वेंडिंग जोन बनाने को लेकर क्या हुआ है अब तक. और जब उस पर कोई अमल हो नहीं हो पा रहा है तब तक वेंडर्स को लेकर होने वाले सर्वे का कोई मतलब नहीं हैं.