दिल्ली हाईकोर्ट ने एलएलबी के लिए सीटों को घटाने के दिल्ली यूनिवर्सिटी के फ़ैसले को इस साल के लिए खारिज़ कर दिया है. कोर्ट से आए इस आदेश के बाद इस सत्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ सेंटर में 1440 के बजाय 2310 सीटों पर ही दिल्ली यूनिवर्सिटी को छात्रों को एडमिशन देना होगा.
लॉ सेंटर 16 जुलाई को अपनी पहली लिस्ट जारी जारी करने वाला है. ऐसे में यह उन हजारों छात्रों के लिए राहत की खबर है जो सीटों के कम होने के बाद इस साल एडमिशन की उम्मीद लगभग छोड़ चुके थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ सेंटर ने बार काउंसिल की सिफारिशों पर इस साल से सीटों को घटाने का फ़ैसला लिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि जब 2008 से जब इतने छात्रों को एडमिशन दिया जा रहा है तो इस साल भी इसे लागू रखा जाए. 20 अगस्त को इस मामले मे अगले सत्र के लिए दिल्ली हाईकोर्ट विस्तृत सुनवाई करेगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी मे एलएलबी की सीटों को कम करने के ख़िलाफ़ लगाई गई याचिका पर बार हाईकोर्ट ने बार काउंसिल, केंद्र सरकार और दिल्ली यूनिवर्सिटी को नोटिस किया है. दरअसल दिल्ली यूनिवर्सिटी ने एलएलबी की 2310 सीटों को घटाकर 1440 कर दिया था और याचिका में इसी निर्णय को इस आधार पर चुनौती दी गयी है, क्योंकि इसमें नुकसान सिर्फ छात्रों का हो रहा है जो इस फैसले के बाद एलएलबी नही कर पा रहे हैं.
पिछले साल ही बार काउंसिल के निर्देश पर दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इन सीटों को घटाया था. इस बार से दिल्ली यूनिवर्सिटी में एलएलबी की इवनिंग क्लासेज को खत्म कर दिया गया था, क्योंकि डीयू को बार काउंसिल से एक लॉ सेंटर में 480 छात्रों को एडमिशन देने की इजाजत दी थी. डीयू के पास तीन लॉ सेंटर है, लिहाजा कुल सीट 1440 रखी गई थी, जो इस सत्र से लॉ सेटर में छात्रों के एडमिशन के लिए थी, लेकिन बुधवार के हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीटों की संख्या दोबारा से वही रहेगी, जो पिछले सालों तक रही है.
पिछले साल कुछ लॉ स्टूडेन्ट्स ने ही हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में जितने छात्रों को लॉ कोर्स में एडमिशन दिया जाता है, उनके लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रचर और साधन डीयू के पास नही है,और ये यूजीसी और बार काउसिंल के दिशानिर्देशों का उल्लघंन हैं. कोर्ट ने इस याचिका को सुनने के बाद बार काउंसिल को यूनिवर्सिटी के लॉ फैकेल्टी का इंस्पेक्शन करने का आदेश दिया था, जिसके बाद एलएलबी की सीटों को बार काउसिंल ने घटा दिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बार काउंसिल के इसी आदेश के मुताबिक इस बार एलएलबी की सीटों को घटा दिया था.