दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसके तहत दिल्ली के एक इंजीनियरिंग कॉलेज को शैक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए ‘मान्यता वापस श्रेणी’ में रखा गया था. एआईसीटीआई ने अपना स्थायी भवन ना होने के कारण इंजीनियरिंग को ‘मान्यता वापस श्रेणी’ में रखा था.
न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता संस्थान विशेषज्ञ विजिटिंग समिति की ओर से बताई गई कई खामियों से भरा है. किसी स्थायी भवन में कॉलेज के स्थानांतरण के लिए एआईसीटीई की तरफ से जारी विभिन्न नोटिसों के बावजूद यह पिछले 15 सालों से अस्थायी परिसर से इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम चला रहा है.’
पीठ ने कहा, ‘यह सही है कि परिसर के स्थानांतरण का समय 31 दिसंबर 2014 तक बढ़ा दिया गया है. इसके बावजूद यह अदालत देख रही है कि याचिकाकर्ता ने अपने कॉलेज को स्थानांतरित कर उसे किसी स्थायी भवन में ले जाने के कोई प्रयास नहीं किए. आखिरकार कोई भवन रातों रात तो बनाया नहीं जा सकता.’
अदालत ने 24 जून को एआईसीटीआई की तरफ से जारी उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के गुरू प्रेमसुख मेमोरियल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को शैक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए ‘मान्यता वापस श्रेणी’ में रखा जाए.