Hijab row: हिजाब विवाद में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. पहली याचिका के कुछ मिनटों बाद ही एक और कैविएट भी दाखिल की. कर्नाटक में उडुपी के कॉलेज की 6 मुस्लिम लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी. एक छात्रा निबा नाज को छोड़कर सभी छात्राएं हाईकोर्ट में भी याचिकर्ता रह चुकी हैं. विशेष अनुमति याचिका यानी स्पेशल लीव पेटिशन में हिजाब बैन पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है.
बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित तीन जजों की फुल बेंच ने मंगलवार को यह फैसला दिया कि कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं मिलेगी. बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हो सकती हैं. कई वकील याचिकाओं की ड्राफ्टिंग कर रहे हैं. उधर, हिन्दू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने एडवोकेट बरूण कुमार सिन्हा के माध्यम से हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट फाइल किया.
उडुपी में कल से खुलेंगे स्कूल और कॉलेज
उडुपी जिले में बुधवार से स्कूल और कॉलेज फिर से खुलेंगे. प्रशासन की ओर से लगाया गया धारा 144 जारी रहेगा. इसके साथ ही जुलूसों, समारोहों पर प्रतिबंध और विरोध प्रदर्शन भी 21 मार्च तक जारी रहेगा. इस संबंध में उडुपी जिला के उपायुक्त ने जानकारी दी है.
बता दें कि हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि इस्लाम में हिजाब जरूरी है, लिहाजा स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर लगाई गई पाबंदी ठीक है. उधर, अदालत के फैसले के बाद हिजाब समर्थकों में नाराजगी है. इस मामले पर सियासत भी सुलग रही है और कोर्ट में याचिका लगाने वाली छात्राएं कह रही
हैं कि वो पढ़ाई छोड देंगी लेकिन हिजाब जरूर पहनेंगी.
अल्लाह हू अकबर की नारेबाजी करने वाली मुस्कान जिसने हिजाब का समर्थन किया था, आज परेशान होगी. हिजाब के समर्थन में नारेबाजी करने वाली, धरना देने वाली और मोर्चा निकालने वाली महिलाएं भी उधेड़बुन में होंगी. कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन सबको बड़ा झटका दिया है जो स्कूलों में यूनिफॉर्म से ज्यादा हिजाब पहनने की आजादी की हिमायत कर रहे थे. हाईकोर्ट ने हिजाब का समर्थन और स्कूल यूनिफॉर्म को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं को खारिज कर दिया और फैसले में कई अहम टिप्पणियां की.
कोर्ट ने कहा कि हिजाब इस्लाम के धार्मिक व्यवहार का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. दूसरा, छात्र स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते हैं. तीसरा, स्कूल यूनिफॉर्म व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू की गई वाजिब पाबंदी है और चौथा, कर्नाटक सरकार के 5 फरवरी के आदेश को अमान्य करार देने का कोई मामला नहीं बनता है.
मतलब ये कि हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी. लिहाजा एक बार फिर सियासत सुलगने लगी. महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने का कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला बेहद निराशाजनक है. एक तरफ हम महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं और दूसरी ओर हम उन्हें चुनने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं. ये सिर्फ धर्म का नहीं बल्कि चुनने की स्वतंत्रता का मुद्दा है.
उमर अब्दुल्ला ने लिखा- ये एक मजाक है
वहीं, उमर अब्दुल्ला ने भी हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए और लिखा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से बेहद निराश हूं. आप हिजाब के बारे में क्या सोच सकते हैं. ये सिर्फ कपड़ों के बारे में नहीं है. ये एक महिला के अधिकार के बारे में है कि वो कैसे कपड़े पहनना चाहती है. अदालत ने इस मूल अधिकार को बरकरार नहीं रखा. ये एक मजाक है.
उधर, बीजेपी कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को मुस्लिम महिलाओं के हित में बता रही है. इस बीच हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में सड़कों पर मोर्चाबंदी शुरु हो गई है. चेन्नई में छात्रों ने धरना दिया और नारेबाजी की, तो कर्नाटक के यादगिरी में इम्तिहान देने वाली छात्राएं उल्टे पैर घर लौटती नजर आईं. गवमेंट पीयू कॉलेज की छात्राओं ने पूरा इम्तिहान भी नहीं दिया. अब वो अपने मां-बाप से पूछकर आएंगी कि हिजाब के बिना उन्हें क्लास में आना है या नहीं.
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