पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान से हिंदुओं का भारत आना बढ़ा है. खास करके वो पाकिस्तानी हिंदू जो पाकिस्तान में बहुत प्रताड़ित किए जा रहे थे. मई महीने में एक पाकिस्तानी हिंदू परिवार भारत पहुंचा. 58 साल के लादों भगत परिवार के साथ पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहते थे. वहां वो भजन गाने का काम करते थे. इस वजह से उनका रहना काफी मुश्किल हो गया था. परिवार की सुरक्षा को देखते हुए वो परिवार के 35 लोगों के साथ भारत आए. अब दिल्ली के जहांगीरपुरी में रहते हैं.
'धर्म परिवर्तन का बनाया जाता है दबाव '
लादो बताते हैं, "वहां अक्सर उनके और उनके परिवार पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता था. अक्सर उन्हें मुसलमान बनने को कहा जाता था. हिंदू मजदूरों से काम करवाने के बाद भी उन्हें मजदूरी नहीं दी जाती थी. पाकिस्तानी पुलिस भी हिंदुओं की कोई सुनवाई नहीं करती है.
'लड़कियों की स्थित काफी चिंताजनक'
पाकिस्तान से भारत आई संगीता कहती है, "बचपन से ही वो सिंगर बनना चाहती है. मगर, पाकिस्तान में संगीत सीख पाना बहुत मुश्किल था. वहां लड़कियों को घर से अकेले बाहर जाने नहीं दिया जाता है. पढ़ाई के नाम पर भी वहां पर सिर्फ उर्दू सिखाई जाती है".
'ऐसी पॉलिसी बनाए सरकार'
पाकिस्तान से आए हिंदुओं के खाने और रहने का इंतजाम किरन चुकापल्ली कर रही हैं. उन्होनें बताया कि पिछले कुछ सालों से पाकिस्तानी हिंदुओं का पलायन करके भारत आना बढ़ा है. एक पाकिस्तानी परिवार जब भारत आता है तो उसके पास औसतन सिर्फ ₹5000 होते हैं.
कहा कि इस कारण किसी नए देश में बसना उनके लिए बेहद कठिन होता है. उन्होंने बताया कि वो सरकार से आग्रह करेंगी कि ऐसी पॉलिसी बनाई जाए, जिससे रिफ्यूजी को कम से कम 6 महीने रहने और खाने की चिंता न करनी पड़े.