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होली पर दिल्ली में हो सकती है पानी की किल्लत, AAP के मंत्री ने रेत माफियाओं पर लगाया आरोप

सौरभ भारद्वाज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यमुना के जल स्तर में कमी आने की वजह गर्मी नहीं बल्कि हरियाणा क्षेत्र में यमुना नदी में धड़ल्ले से किया जा रहा अवैध रेत खनन है. निरीक्षण के दौरान सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वजीराबाद बैराज के पास इस वक्त यमुना का जो पानी दिख रहा है.

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दिल्ली जल बोर्ड- फाइल फोटो
दिल्ली जल बोर्ड- फाइल फोटो

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने यमुना में लगातार पानी का जलस्तर गिरने के मद्देनजर मंगलवार को वजीराबाद WTP का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना के जलस्तर में अभूतपूर्व कमी आई है. जो हालात आज यमुना के नजर आ रहे हैं, ऐसे हालात यमुना में आमतौर पर अप्रैल और मई के महीने में नजर आते हैं. सौरभ भारद्वाज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यमुना के जल स्तर में कमी आने की वजह गर्मी नहीं बल्कि हरियाणा क्षेत्र में यमुना नदी में धड़ल्ले से किया जा रहा अवैध रेत खनन है. सौरभ भारद्वाज ने आरोप में कहा कि दिल्ली के लिए छोड़े गए यमुना के पानी को रेत माफिया ने हरियाणा के यमुना नगर से लेकर 7- 8 किलोमीटर के क्षेत्र में रोक दिया है. रेत माफिया यहां यमुना नदी में धड़ल्ले से अवैध रेत खनन कर रहा है. एक खनन के लिए रेत माफियाओं ने यमुना नदी के बीचो-बीच कई जगह ट्रकों की आवाजाही के लिए अस्थाई पुल बना लिए हैं साथ ही जगह-जगह पर रेत निकाल निकाल कर बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए हैं, जिसकी वजह से दिल्ली की तरफ आने वाला यमुना का पानी पर्याप्त मात्रा में दिल्ली तक नहीं पहुंच पा रहा है. 

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सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस बार अचानक से वजीराबाद बैराज के समीप यमुना का जलस्तर फरवरी के महीने में ही घटकर 671. 7 फीट रह गया है. सौरभ भारद्वाज ने लोगों से होली पक्के रंग की बजाय कच्चे रंग से खेलने की अपील की ताकि रंग साफ करने में ज्यादा पानी की आवश्यकता ना पड़े. उन्होंने कहा कि ये संकट इतना बड़ा है कि लोगों को कई दिन रंग के साथ ही दफ्तर जाना पड़ सकता है.

उन्होंने बताया कि इसका सामान्य स्तर यहां पर 674.5 फीट रहना चाहिए. यानी यहां पर यमुना की गहराई 3.5 फीट होनी चाहिए, लेकिन इस वक्त यहां पर यमुना की गहराई 1 फीट से भी कम रह गई है. यमुना की गहराई और पानी का स्तर समुद्र तल से नापा जाता है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यहां पर यमुना के वर्तमान जल स्तर 671.7 फीट में से 671 फीट तक सिल्ट है, जबकि यमुना की गहराई घटकर सिर्फ 0.7 फीट रह गई है. साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए यमुना से कच्चा पानी लेने के लिए यमुना की गहराई कम से कम 3.5 फीट रहनी चाहिए. उन्होंने बताया कि यहां पर यमुना का जो पानी दिख रहा है वो दरअसल यमुना का पानी नहीं बल्कि हरियाणा की तरफ से छोड़ा गया इंडस्ट्रियल वेस्ट है जिसको ट्रीट नहीं किया जा सकता.

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भारद्वाज ने बताया कि अदालत के आदेश के मुताबिक यमुना में अवैध खनन करना पूरी तरीके से गैरकानूनी है. सौरभ भारद्वाज ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या धड़ल्ले से चल रहा यह काला कारोबार हरियाणा सरकार को नजर नहीं आ रहा और सरकार आखिर क्यों यमुना में रेत के अवैध खनन को नजरअंदाज कर रही है?

हरियाणा की तरफ से यमुना में छोड़ा जा रहा इंडस्ट्रियल वेस्ट : DJB 
निरीक्षण के दौरान सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वजीराबाद बैराज के पास इस वक्त यमुना का जो पानी दिख रहा है, वह यमुना का पानी नहीं बल्कि हरियाणा की तरफ से छोड़ा जा रहा इंडस्ट्रियल वेस्ट है. गूगल मैप में दिख रहा है कि यमुना में पानी नहीं है . जो पानी दिल्ली पहुँच रहा है वह दो नालों से आ रहा है . सौरभ भारद्वाज ने कहा कि DD2 और DD8 ड्रेन के जरिये हरियाणा की तरफ से लगातार यमुना में इंडस्ट्रियल वेस्ट छोड़ा जा रहा है. इस इंडस्ट्रियल वेस्ट में खतरनाक रासायनिक तत्वों के अलावा अमोनिया की मात्रा तय मानकों से बहुत ज्यादा है. इस पानी में अत्यधिक अमोनिया होने की वजह से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भी इस पानी को ट्रीट करना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की तरफ से पहले भी इंडस्ट्रियल वेस्ट छोड़ा जाता था, लेकिन यमुना में पानी की पर्याप्त मात्रा होने की वजह से पानी को ट्रीट किया जा सकता था, लेकिन अब ऐसा करना संभव नहीं है. 

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वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट बुरी तरह से प्रभावित
यमुना में पानी का जलस्तर घटने और अमोनिया की मात्रा बढ़ने से यमुना के पानी पर निर्भर रहने वाले दिल्ली के दो बड़े ट्रीटमेंट प्लांट वजीराबाद और चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. दिल्ली में पानी की आपूर्ति करने के लिए वजीराबाद प्लांट प्रतिदिन 131 MGD पानी का उत्पादन करता है, जबकि यमुना में आई पानी की इस कमी के चलते यह प्लांट केवल 82.69 MGD पानी का उत्पादन कर पा रहा है I इसी प्रकार से चंद्रावल प्लांट प्रतिदिन 100 MGD पानी का उत्पादन करता, परंतु यहां भी यह उत्पादन घटकर मात्र 78 MGD रह गया है I उन्होंने बताया कि इन प्लांट्स को चलाने के लिए हैदरपुर प्लांट से पानी डायवर्ट करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से हैदरपुर प्लांट की क्षमता भी प्रभावित हुई है. इन प्लांट्स से दिल्ली के 40 फीसदी हिस्सों में पानी की सप्लाई की जाती है, अर्थात इस समय  दिल्ली का यह 40 प्रतिशत हिस्सा जलापूर्ति को लेकर बेहद प्रभावित है I 

लुटियन जोन सहित दिल्ली के इन इलाकों में पानी के लिए त्राहिमाम 
यमुना के जलस्तर में आई गिरावट की वजह से दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन काफी कम हो गया है. पानी के उत्पादन में आई कमी का असर दिल्ली की जलापूर्ति पर साफ - साफ नजर आ रहा है. दिल्ली के कई इलाकों में अभी से पानी को लेकर त्राहिमाम - त्राहिमाम मची हुई है और लोगों को बड़े जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस जल संकट का असर दिल्ली के लुटियन जोन में भी पड़ सकता है, जिसकी वजह से केंद्र सरकार के दफ्तर, राष्ट्रपति भवन, उपराज्यपाल कार्यालय और दिल्ली के मुख्यमंत्री के कार्यालय में भी जल आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है.

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प्लांट से जिस एरिया में पानी की आपूर्ति की जाती है, उसमें यूनिवर्सिटी, विजयनगर, तिमारपुर, ओल्ड सेक्रेटेरिएट, सिविल लाइन, नया बाजार, लाहौरी गेट, पीली कोठी, बर्फखाना, मलका गंज, झंडेवालान, पटपड़गंज, मोतिया खान, डब्ल्यूए, पूसा रोड, राजेंद्र नगर, करोल बाग, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, प्रेसिडेंट हाउस, संसद, इंडिया गेट, विज्ञान भवन जनपथ, रकाबगंज, नॉर्थ एवेन्यू, एनडीएमसी का एरिया, ईस्ट पटेल नगर, बाबा फरीदपुर, न्यू राजेंद्र नगर, डबल स्टोरी, साउथ पटेल नगर, कंटेनमेंट इलाका, आरके पुरम, वसंत विहार, अकबर रोड, सरोजिनी नगर आदि बहुत से एरिया है, जहां पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी. वहीं, वजीराबाद प्लांट से जो एरिया प्रवाहित रहेगा, उसमें मोदी कॉलोनी, डिफेंस कॉलोनी, मजनू का टीला, मूलचंद अस्पताल, सुंदरनगर, राजघाट, सुभाष पार्क, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, दरियागंज, आईएसबीटी, तिमारपुर, गुलाबी बाग, भारत नगर, पंजाबी बाग, मुखर्जी नगर, हडसन लेन, मॉडल टाउन, आजादपुर मंडी, जहांगीरपुरी, शालीमार बाग, लारेंस रोड, वजीराबाद, बुराड़ी, गोपालपुरी आदि इलाकों में पानी आपूर्ति प्रभावित रहेगी. 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस जल संकट को काबू करने के लिए जल्द ही आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है, वरना इस जल संकट को नियंत्रित  करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. यह संकट किसी राजनीतिक पार्टी का संकट नहीं बल्कि पूरी दिल्ली का संकट है और यह देखकर बीजेपी को खुश होने की आवश्यकता नहीं है. सौरभ भारद्वाज ने लोगों से होली पक्के रंग की बजाय कच्चे रंग से खेलने की अपील की ताकि रंग साफ करने में ज्यादा पानी की आवश्यकता ना पड़े. उन्होंने कहा कि ये संकट इतना बड़ा है कि लोगों को कई दिन रंग के साथ ही दफ्तर जाना पड़ सकता है.

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हरियाणा सरकार से कथित रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग 
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए हरियाणा सरकार पर यमुना में चल रहे रेत के अवैध खनन को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. उन्होंने हरियाणा सरकार से सवाल पूछा कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि जब धड़ल्ले से रेत माफिया  यमुना में इतने बड़े स्तर पर अवैध खनन कर रहा है और हरियाणा सरकार को इसकी भनक नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस मामले को हरियाणा सरकार के संज्ञान में लाया है और हरियाणा सरकार से रेत माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली क्षेत्र में यमुना नदी में अवैध खनन करने वाले रेत माफियाओं के साथ-साथ इस खेल में शामिल अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उपराज्यपाल को ऐसे अधिकारियों को सस्पेंड करना चाहिए क्योंकि दिल्ली सरकार के पास अधिकारियों को सस्पेंड करने का अधिकार नहीं है.
 

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