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दिल्ली पुलिस से छिनेंगे लाइसेंसिंग अधिकार

होटल, रेस्तरां, सिनेमाघर या फिर पटाखों की दुकान. इन सबके लिए लाइसेंस अब दिल्ली पुलिस की जगह दिल्ली सरकार दे सकेगी. पहले इन सबको चलाने का लाइसेंस खान-पान या साफ-सफाई से संबंधित एजेंसी नहीं बल्कि पुलिस देती थी.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की चिट्ठी
केंद्रीय गृह मंत्रालय की चिट्ठी

होटल, रेस्तरां, सिनेमाघर या फिर पटाखों की दुकान. इन सबके लिए लाइसेंस अब दिल्ली पुलिस की जगह दिल्ली सरकार दे सकेगी. पहले इन सबको चलाने का लाइसेंस खान-पान या साफ-सफाई से संबंधित एजेंसी नहीं बल्कि पुलिस देती थी.

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दिल्ली पुलिस के साथ अधिकार की लड़ाई लड़ रही दिल्ली सरकार को ये एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कानून बदलकर अब दिल्ली पुलिस से लाइसेंसिंग के तमाम अधिकार छीनने का फैसला लिया है.

सिनेमाघरों से लेकर स्वीमिंग पुल तक लाइसेंस के लिए भी पुलिस के पास ही जाना पड़ता था. अब जाकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस के हाथों से तमाम लाइसेंसिंग अधिकार छीनने की बात कही है. गृह मंत्रालय ने अब दिल्ली सरकार को एक चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी है. जानकार कह रहे हैं कि ऐसा बहुत पहले हो जाना चाहिए था.

दिल्ली के पूर्व सचिव ओमेश सहगल ने कहा, 'जब दिल्ली में सरकार बनी तभी ये अधिकार मिल जाने चाहिए थे. पुलिस को कानून व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए न कि लाइसेंसिंग पर.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की जो चिट्ठी दिल्ली आजतक के पास है उसमें साफ तौर पर इस बात का जिक्र है कि केंद्र सरकार जल्द ही दिल्ली पुलिस बिल, 2013 बनाने जा रही है. इसमें न सिर्फ लाइसेंसिंग अधिकार दिल्ली सरकार को देने की बात कही गई है बल्कि शीला दीक्षित की सरकार से इन अधिकारों पर राय भी मांगी गई है. दिल्ली आजतक के पास दिल्ली सरकार का वो जवाब भी है जो उसने गृह मंत्रालय की इस चिट्ठी के जवाब में लिखा है. हालांकि मुख्यमंत्री इस चिट्ठी की जानकारी तक से साफ इंकार कर रही हैं.

दरअसल अधिकारों के इस ट्रांसफर का फैसला उपहार सिनेमा कांड में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर लिया गया है. इसलिए दिल्ली सरकार ने जो केंद्र की चिट्ठी का जवाब तैयार किया है उसमें इस बात तक का जिक्र है कि लाइसेंस के अधिकारों की आड़ में अबतक दिल्ली पुलिस अपनी मनमर्जी चलाती आई है.

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