
दिल्ली पुलिस को काफी इंतजार के बाद मोबाइल फॉरेंसिक लैब मिल गई हैं. गुरुवार 16 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले चरण में 5 मोबाइल फॉरेंसिक लैब दिल्ली पुलिस को सौंपी. वहीं आने वाले दिनों में 10 और मोबाइल फॉरेंसिक लैब दिल्ली पुलिस को सौंपी जाएंगी. इसके बाद शहर में इस चलती-फिरती लैब की संख्या 15 हो जाएगी और दिल्ली के सभी जिलों में इसकी तैनाती हो सकेगी.
दरअसल, दिल्ली पुलिस के 76वें स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आधुनिक मोबाइल फॉरेंसिक लैब दिल्ली पुलिस को सौंपी. इससे दिल्ली पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में काफी तब्दीली देखने को मिलेगी. एक मोबाइल वैन की कीमत 55 से 60 लाख रुपये है.फॉरेंसिक सबूतों को इकठ्ठा करने और उन्हें प्रिजर्व करने के सभी उपकरणों से ये वैन लैस हैं. इनमें फ्रिज, सीसीटीवी कैमरे, माइक्रोस्कोप, डिजिटल कैमरा और फ्लैश लाइट समेत तमाम सुविधाएं हैं.
अमित शाह ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि दिल्ली में आज 5 मोबाइल फॉरेंसिक लैब दी गई है. इससे फॉरेंसिक जांच में से मदद मिलेगी. इसके साथ ही शाह ने मोबाइल टैबलेट के द्वारा दिल्ली में पासपोर्ट के सत्यापन के खास प्रोग्राम का उद्घाटन भी किया. इसका मकसद यह है कि घर बैठे पासपोर्ट का सत्यापन होगा. इससे समय की बचत होगी और दिल्ली में भारत के नागरिकों के लिए पासपोर्ट के सत्यापन के लिए 15 दिन की राह नहीं देखनी पड़ेगी. 5 दिन में उनको ऑनलाइन मिल जाएगा और कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी.
बता दें कि समय-समय पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते रहे हैं कि जांच में फॉरेंसिक सबूतों की महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है और इसके जरिए जांच एजेंसियों का कनविक्शन रेट बढ़ेगा. अपराध की दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है. जाली नोटों का कारोबार, हवाला ट्रांजैक्शन, बॉर्डर पर घुसपैठ, नारकोटिक्स, साइबरक्राइम, महिलाओं के प्रति अपराध में कई जगहों पर तेजी आई है. अपराधी पुलिस से कई कदम आगे निकल रहे हैं और जब तक पुलिस अपराधी से दो कदम आगे नहीं रहती, तब तक प्रिवेंशन ऑफ क्राइम संभव ही नहीं है.
अगर पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रहना है तो Conviction rate को बढ़ाना होगा, इसमें NFSU वैज्ञानिक तकनीक के प्रयोग से तेजी से मदद मिलेगी. इन्वेस्टिगेशन का आधार साइंटिफिक और फॉरेंसिक साइंस के बेस पर ना हो, कोर्ट में अपराधी को सजा नहीं दिलाई जा सकती. इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि 6 साल और 6 साल से ज्यादा जिस भी अपराध में सजा है,उन सभी क्राइम सीन पर सबसे पहले फॉरेंसिक साइंस के ऑफिसर पहुंचे.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सीपी क्राइम रविन्द्र यादव ने क्या कहा
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी रविंदर यादव ने कहा कि यह बहुत ही बेहतर मोबाइल फॉरेंसिक लैब वैन हैं. इनमें कई तरीके की फॉरेंसिक किट्स मौजूद हैं. जिसमें कहीं भी अगर घटना घटित होती है तो उसके मुताबिक वहां पर जांच करना और सबूत हासिल करना आसान हो जाएगा. जहां तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आदेश है कि 6 साल से ऊपर वाले जघन्य अपराध जो हैं, उसमें आवश्यक रूप से सीन ऑफ क्राइम पर फोरेंसिक टीम को जाना होगा, इसके साथ ही क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम और इसमें फॉरेंसिक एक्सपर्ट के लोग शामिल हैं. इसमें न केवल डिटेक्शन के लिए एक रास्ता मिलेगा बल्कि इसके अंदर बहुत सारे ऐसी सुविधाएं मौजूद हैं जो बहुत सारे एविडेंस को प्रिजर्व करने में भी सहायता देंगे.
भारत मे क्या है कनविक्शन रेट
एक जानकारी के मुताबिक कनाडा का दोष सिद्धि का रेट 62%, इजराइल का 93%, इंग्लैंड का 80% और अमेरिका का 90% है, जबकि भारत 50% पर हैं. केंद्र की सरकार ये चाहती है कि अगर भारत में कानून -व्यवस्था की स्थिति ठीक करनी है तो हमें अपना दोषसिद्धि का प्रमाण दर बढ़ाना पड़ेगा और हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को फॉरेंसिक साइंस के द्वारा किए गए इन्वेस्टिगेशन के साथ इंटीग्रेट करना होगा और कुछ जघन्य अपराधों के लिए फॉरेंसिक साइंस की जांच को अनिवार्य करना होगा.