13 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर जंतर मंतर पर सैकड़ों लोगों ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर ब्लाइंड वॉक में हिस्सा लिया. अंधता को महसूस करने के लिए इस वॉक में करीब 5000 ब्लाइंड और 25000 सामान्य लोगों ने हिस्सा लिया. अंत में मरणोपरांत नेत्रदान करने की शपथ ली.
इस कार्यक्रम में स्वामी अग्निवेश और सामाजिक सुरक्षा एवं न्याय राज्य मंत्री किशन पाल गुजर ने भी शिरकत की और लोगों में नेत्रदान के प्रति चेतना जगाई. स्वामी अग्निवेश जी ने कहा कि 'ये अंधविश्वास है कि मरने के बाद नेत्रदान करने से अगले जन्म में अंधे पैदा होंगे. इसे तोड़िये और नेत्रदान कीजिये'.
राजधानी में चेतनालय द्वारा चलाई गई इस नेत्रदान की मुहीम को 5 अलग-अलग देशों के 55 अहम जगहों पर चलाया गया ताकि लोगों में नेत्रदान को लेकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाई जा सके. राज्यमंत्री किशनपाल जी ने भी ये विश्वास दिलाया कि ब्लाइंड लोगों की सुविधा को लेकर अलग-अलग हेल्पलाइन लाइन नंबर चलाए जाएंगे और इसके साथ ही दिव्यांगों के लिए मोदी सरकार के सुगम्य भारत अभियान की भी चर्चा की.
इस पूरे मुहीम को प्रोजेक्ट विजन का नाम दिया गया है और इसका मकसद सामान्य लोगों को अंधता महसूस करवाना है ताकि वे ब्लाइंडनेस को महसूस कर नेत्रदान के लिए प्रोत्साहित हो सकें. आंखों के साथ दुनिया की रंगिनियों को महसूस करने वाले लोगों की शपथ और जागरूकता लोगो में नेत्रदान को बढ़ावा दे सकती है.