राजधानी दिल्ली में अब प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइड्रोजन सीएनजी से चलने वाली बसें चलाई जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इन बसों को चलाने का आदेश दिया है.
इंडियन ऑयल और इंद्रास्प्रस्थ गैस लिमिटेड की भागीदारी से यह बसें चलेंगी. पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो यह प्रोजेक्ट बढ़ते पॉल्यूशन को कम करने में कारागार हो सकता है.
इप्का लेबोरेटरीज के चेयरमैन भूरेलाल की मानें तो जब देश की राजधानी दिल्ली में वाहन डीजल से चलते थे उस वक्त सीएनजी आने से दिल्ली के पॉल्यूशन पर काफी असर पड़ा था. ऐसे में अब हाइड्रोजन सीएनजी आने से दिल्ली में पॉल्यूशन के स्तर में काफी गिरावट आएगी. यह प्रोजेक्ट बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए बेहतर कदम है.
वहीं इंडियन ऑयल के डायरेक्टर राम कुमार ने कहा कि हाइड्रोजन सीएनजी गैस सीएनजी के मुकाबले 30 से 40 पैसे महंगी होगी लेकिन बढ़ते पॉल्यूशन को कम करने के साथ इसकी रनिंग कास्ट भी ज्यादा होगी.
इसके अलावा इप्का के मेंबर सुनीता नारायण की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जल्दी इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा. हालांकि यह प्रोजेक्ट 3 महीने की देरी से चल रहा है और उमीद है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ दिल्ली के सीएनजी पंप में भी किसी तरह का बदलाव नहीं करना पड़ेगा. बता दें कि राजधानी दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है, साथ ही कई बीमारियों के फैलने की आशंका है.